अज़ारोव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा, “2013 में हमने गणना की थी कि यूरोपीय संघ में सम्मिलित होने से पूर्व यूक्रेन को अपनी अर्थव्यवस्था में यूरोपीय मानकों और तकनीकों को शामिल करने के लिए 160 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। हमने यह पैसा विकास, उद्योग के आधुनिकीकरण यानी भलाई और निर्माण के लिए मांगा था। यूरोपीय संघ ने हमें मना कर दिया। बदले में हमें मात्र एक अरब [डॉलर] का प्रस्ताव दिया गया।"
अज़ारोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “यह पता चला कि यूक्रेन को नष्ट करने के लिए वे कोई भी राशि गँवाने के लिए तैयार हैं। पश्चिमी मालिक यूक्रेन को नष्ट करते हैं। सबसे बुरी बात यह है कि वे यूक्रेनियों की ओर से प्रशंसा और समर्थन के साथ ऐसा करते हैं। तो यूक्रेनियों की समझ में यह अभी तक क्यों नहीं आया कि पश्चिम जितना चाहे, उतना पैसा खर्च करेगा जिससे यूक्रेनी पुरुष (और जल्द ही महिलाएं भी) उसके लक्ष्यों और भूराजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए [आर्टेमोव्स्क] बखमुत, रबोटिनो और कई अन्य क्षेत्रों में मारे जाएंगे?”