क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल माना जाता है जहां क्षण भर में सब कुछ परिवर्तित हो जाता है और विजय होने वाली टीम जीतते-जीतते कब पराजित हो जाए पता नहीं चलता, ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब विश्व कप में निचले स्तर की टीमों ने पुराने दिग्गजों को धराशायी कर दिया।
भारत में चल रहा क्रिकेट विश्व कप जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे रोमांचक होता जा रहा है। भारत अपने सभी मैचों को जीतकर अंक तालिका में दूसरे स्थान पर है और वहीं न्यूजीलैंड अपने चारों मैच जीतकर पहले पायदान पर बना हुआ है।
अफ़ग़ानिस्तान का कद क्रिकेट में अधिक बड़ा नहीं है लेकिन इस टूर्नामेंट में उसने ऐसा कुछ करके दिखाया जिसकी किसी को आशा नहीं थी। अफ़ग़ानिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) रेंकिंग में कहीं ऊपर आने वाली इंग्लैंड टीम को 69 रन से हरा कर विश्व कप का अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर कर दिया।
ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब विश्व कप के 15 वें मैच में नीदरलैंड ने दक्षिण अफ्रीका जैसी दिग्गज टीम 38 रनों से हरा दिया।
भारत ने हराया दो बार के विश्व विजेता वेस्टइंडीज को (1983)
25 जून 1983 का वह दिन भारत के लिए ऐतिहासिक बन गया जब भारत ने इंग्लैंड के लॉर्ड्स में दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज को 43 रन से पराजित कर प्रथम क्रिकेट विश्व कप जीता। वेस्टइंडीज की टीम उस समय क्रिकेट में सबसे बड़ी मानी जाती थी।
इस मैच में पहले खेलते हुए कपिल देव की अगुवाई में भारत की टीम सिर्फ 183 रन बना पाई। भारत की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले क्रिस श्रीकांत रहे, उन्होंने 38 रन बनाए हालांकि भारत के सामने विश्व का सबसे तेज बॉलिंग लाइन अप था जिसमें एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग और मैल्कम मार्शल सम्मिलित थे।
परंतु भारत की उत्कृष्ट गेंदबाज़ी के सामने वेस्टइंडीज के बल्लेबाज परेशान नजर आए और वेस्टइंडीज की ओर से विश्व के सबसे श्रेष्ठ खिलाड़ी विव रिचर्ड्स 33 रन ही बना सके। वही भारतीय बॉलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन देकर 3 और मदन लाल ने भी 31रन देकर 3 खिलाड़ियों को आउट किया था।
केन्या के हाथों वेस्टइंडीज की हार (1996)
भारत में 1996 के दौरान खेले गए विश्व कप में भी एक मैच ऐसा देखने को मिला जब मौरिस ओडोम्बे की कप्तानी में केन्या जैसी निम्न वरीयता वाली टीम ने पुणे में वेस्टइंडीज को 73 रनों से हरा दिया।
इस मैच में केन्या ने वेस्टइंडीज को केवल 166 रनों का लक्ष्य दिया जिसमें कर्टनी वॉल्श और रोजर हार्पर ने तीन-तीन विकेट लिए। लेकिन जब वेस्टइंडीज की टीम इस छोटे रन स्कोर का पीछा करने पहुंची तो लगातार लग रहे झटकों से उबर नहीं पाई और सिर्फ 93 रन पर आउट हो गई।
वेस्टइंडीज के लिए हार्पर और शिवनारायण चंद्रपॉल ही केन्या के सामने कुछ चुनौतियाँ रख पाए लेकिन यह जीत के लिए अपर्याप्त रहा। केन्या की ओर से मौरिस ओडोम्बे ने 10 ओवरों में 15 रन देकर 3 विकेट झटके।
आयरलैंड की पाकिस्तान पर जीत (2007)
2007 के विश्व कप में आयरलैंड ने 17 मार्च को जमैका के किंग्स्टन में पाकिस्तान जैसी टीम को तीन विकेट से हरा दिया।
आयरलैंड ने जमैका में 2007 विश्व कप में पाकिस्तान को सिर्फ 132 रन पर ढेर कर दिया। इस मैच में आयरलैंड के तेज गेंदबाज बॉयड रैंकिन ने तीन विकेट लिए। इस मैच की प्रारंभ में आयरलैंड की पारी भी लड़खड़ाई परंतु केविन ओ'ब्रायन और ट्रेंट जॉन्सटन ने अंत में टीमें को जीत दिलाई।
यह वही मैच है जिसके बाद पाकिस्तान के कोच बॉब वूल्मर की उस रात उनके होटल के कमरे में मृत्यु हो गई थी।
बांग्लादेश के हाथों भारत की करारी हार (2007)
ICC क्रिकेट विश्व कप 2007 का यह मैच पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद में खेला गया जहां बांग्लादेश ने भारत को पांच विकेट से शिकस्त दी।
भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाजों से सजी भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मशरफे मुर्तजा और बाएं हाथ के स्पिनर अब्दुल रज्जाक ने भारत की विश्व स्तरीय टीम को 191 रन पर ढेर कर दिया।
इस जीत में बांग्लादेश की तरफ से तमीम इकबाल ने 51 रन की निर्णायक पारी खेली जिसके बाद विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम और शाकिब अल हसन ने टीमें को अंत में जीत तक पहुंचाया।
आयरलैंड ने इंग्लैंड को हरा दोहराया करिश्मा (2011)
2011 में विश्व कप भारत में खेला जा रहा था और आयरलैंड ने एक बार फिर चमत्कार करते हुए बेंगलुरु में इंग्लैंड को तीन विकेट से हरा दिया।
आयरलैंड की ओर से केविन ओ'ब्रायन के तत्कालीन सबसे तेज़ विश्व कप शतक लगाया जिसकी वजह से इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा।
अफगानिस्तान के वर्तमान कोच ट्रॉट ने मैच में 92 और इयान बेल ने 81 रन बनाए जिसके बाद इंग्लैंड ने आठ विकेट पर 327 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया वही विपक्षी टीमें से जॉन मूनी ने चार विकेट झटके।
इंगलेंड के बड़े स्कोर के उत्तर में आयरलैंड के केविन ओ'ब्रायन ने केवल 50 गेंदों पर 13 चौकों और छह छक्कों की सहायता से सबसे तेज विश्व कप शतक बनाकर टीम को जीतने में सहायता की।