सुरजीत भुजबल ने मास्को में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क फोरम के मौके पर कहा कि दोनों देश सीमा शुल्क को लेकर नए समझौते पर काम कर रहे हैं और बातचीत में सुधार कर रहे हैं।
भुजबल ने कहा, "भारत और रूस के पास व्यापार और वाणिज्यिक लेनदेन में सहयोग का कई वर्षों का अनुभव है। अब 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा काफी बढ़ जाएगी। हमें उम्मीद है कि यह 50 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस प्रकार, दोनों पक्षों के व्यापार लेनदेन में वृद्धि की संभावनाएं हैं। हमारे देशों के अधिकारी हमारे देशों के बीच व्यापार लेनदेन को और सुविधाजनक बनाने के लिए पहलों की तैयारी कर रहे हैं ताकि व्यापार अधिक कारगर ढंग से किया जा सके।"
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि भारत और रूस आपूर्ति-श्रृंखला की सुरक्षा तथा कारोबारी सुगमता में सुधार पर भी काम कर रहे हैं।
अधिकारी के अनुसार एक ऐसी प्रणाली पर भी काम चल रहा है जिसके माध्यम से माल के गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही माल के बारे में जानकारी भारत या रूस के सीमा शुल्क अधिकारियों को तुरंत भेजी जा सकती है।
बता दें कि भारतीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के जनवरी-अगस्त में भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़कर 43.8 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, जो पिछले साल इसी अवधि में व्यापार की मात्रा से 2.3 गुना अधिक है और पूरे 2022 के परिणाम से 20% अधिक है।