शोइगू ने 10वें बीजिंग जियांगशान फ़ोरम में कहा, "अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के रूस के वैध अधिकारों को नज़रअंदाज़ करते हुए व्हाइट हाउस ने लगातार अपने नियंत्रण वाले नाटो के विस्तार का प्रयास किया है।"
शोइगू ने कहा, "इन आक्रामक कदमों ने हमें जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया था। जवाब में पश्चिम ने खुले तौर पर हमारे खिलाफ छेड़े गए हाइब्रिड युद्ध में रूस को 'रणनीतिक हार' देने का रास्ता अपनाया। यूक्रेन एक उपभोज्य सामग्री के रूप में कार्य करता है।”
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि रूस के खिलाफ संघर्ष की तीव्रता बढ़ाने की पश्चिमी देशों की नीति से परमाणु शक्तियों के बीच सीधे सैन्य टकराव का खतरा बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, "पश्चिम की रूस के खिलाफ संघर्ष बढ़ाने की मंशा में परमाणु शक्तियों के बीच सीधे सैन्य टकराव का खतरा है, जिसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।"
रक्षा मंत्री ने रेखांकित किया कि रूसी सेना विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में अपने कर्तव्यों को "विधिपूर्वक और आत्मविश्वास से" पूरा करना तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेगी।
शोइगू ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि रूस व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के अपने अनुसमर्थन को रद्द करके दुनिया में सामरिक संतुलन नहीं बिगाड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह केवल अमेरिका के साथ संतुलन सुनिश्चित करने की इच्छा है, जिसने कभी भी इस संधि की पुष्टि नहीं की है।"
शीर्ष सैन्य अधिकारी ने आगे कहा कि अमेरिकी सैन्य-जैविक गतिविधियां गति पकड़ रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वाशिंगटन ने सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया और दक्षिण कोरिया सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ देशों में प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को बनाया है।
शोइगू ने कहा कि यूक्रेन में इसी तरह की प्रयोगशालाएं उन यूरोपीय राज्यों की सहायता से संचालित होती हैं, "जो आज आसियान + में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं।"
बता दें कि रूसी रक्षा मंत्री 10वें बीजिंग जियांगशान फोरम में भाग लेने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। इस फ़ोरम में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ-साथ कई यूरोपीय देशों के वरिष्ठ नेतृत्व के प्रतिनिधि, रक्षा मंत्री और प्रमुख विशेषज्ञ शामिल होने वाले हैं।