अज़ारोव ने सोशल मीडिया पर कहा, "ज़ेलेंस्की और उनके अधिकारी यह छिपा रहे हैं कि यूक्रेनी सशस्त्र बलों को दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर गंभीर समस्याएं हैं। यूक्रेनी अस्पतालों में स्थिति मुश्किल है, उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं और चिकित्सा उपकरण नहीं हैं।"
अज़ारोव के अनुसार यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा दी गई दवाएं निम्न गुणवत्ता की हैं और इनका उपयोग केवल चरम मामलों में ही किया जाता है।
पूर्व प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा, "यूक्रेन के प्रतिउत्तरी आक्रमण के सिलसिले में घायलों की संख्या में तीन गुना वृद्धि से स्थिति बिगड़ गई है। हर दिन अस्पतालों में 150 तक घायल सैनिकों को भर्ती कराया जाता है। तदनुसार, डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। उन्हें एक कार्य दिन में सात अंग विच्छेदन करने पड़ते हैं। यूक्रेनी डॉक्टर यह नहीं छिपा रहे हैं कि कई घायलों की जान को बचाया जा सकता था, लेकिन वे दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खराब गुणवत्ता के कारण मर जाते हैं।''
आपको याद दिला दें कि एक ब्रिटिश समाचार पत्र ने भी लिखा था कि असफल प्रतिउत्तरों आक्रमण के मध्य यूक्रेनी सेना के डॉक्टर दोषपूर्ण चिकित्सा उपकरणों और सामग्रियों की शिकायत कर रहे हैं, जिससे मरने वालों की संख्या में वृद्धि अधिक देखने को मिलती है।
यूक्रेन का प्रतिउत्तरी आक्रमण जून की शुरुआत में आरंभ हुआ था। इस अंतराल यूक्रेन के सशस्त्र बल किसी भी दिशा में अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर पाए। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यह आक्रमण पूरी तरह से विफल हो गया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इसके दौरान यूक्रेन ने 90 हज़ार से अधिक सैनिक खो दिए हैं।