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भारतीय नौसेना ने मॉरीशस पुलिस को विशेष बल और गोताखोरी में प्रशिक्षण देना शुरू किया

भारतीय नौसेना की समुद्री कमांडो, जिसे मार्कोस के नाम से भी जाना जाता है और गोताखोरों ने मॉरीशस पुलिस बल के लिए विशेष बल और गोताखोरी पुनश्चर्या शिविर के 14वें संस्करण की शुरुआत की है।
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यह प्रशिक्षण शिविर फिलहाल मॉरीशस के पोर्ट लुइस में चल रहा है और इसका उद्देश्य समुद्र में समुद्री विशेष अभियान और बचाव अभियान चलाने की क्षमता बढ़ाना है।

"भारतीय नौसेना की समुद्री कमांडो मार्कोस और गोताखोरों की मोबाइल ट्रेनिंग टीम (MTT) ने पोर्ट लुइस, मॉरीशस में मॉरीशस पुलिस बल के लिए विशेष बल और गोताखोरी पुनश्चर्या शिविर के 14वें संस्करण की शुरुआत की है," भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा।

दरअसल ऐतिहासिक, जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक वजहों से भारत के पश्चिमी हिंद महासागर में एक द्वीप राष्ट्र मॉरीशस के साथ घनिष्ठ तथा दीर्घकालिक संबंध हैं।
ज्ञात है कि मॉरीशस उन चुनिंदा देशों में से एक है जिनके साथ स्वतंत्र भारत ने मॉरीशस की स्वतंत्रता से पहले ही साल 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के नेतृत्व में उच्च स्तर का विश्वास और आपसी समझ है, जो निरंतर उच्च स्तरीय राजनीतिक जुड़ाव में परिलक्षित होता है।
इन विशेष संबंधों के कारण दोनों देशों के मध्य समुद्री सुरक्षा, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग में विशिष्ट रूप से घनिष्ठ सहयोग प्राप्त हुआ है।
बता दें कि दोनों देशों के मध्य इन घनिष्ठ संबंधों का प्रभाव मॉरीशस परिदृश्य में स्थित अनेक भारत-सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
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