विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में स्पष्ट किया कि नीति के तहत पाकिस्तान ने संघर्ष वाले क्षेत्र में हथियारों की आपूर्ति नहीं की है।
"पाकिस्तान ने यूक्रेन को किसी भी हथियार की आपूर्ति नहीं की है और न ही आपूर्ति करने का इरादा रखता है। इसलिए, 7 नवंबर, 2023 को पाकिस्तान और यूक्रेन के रक्षा मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान इस विषय पर चर्चा नहीं की गई," ज़हरा बलूच ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यूक्रेन में संघर्ष का बातचीत के द्वारा ये समाधान निकालने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि सितंबर में, विदेश कार्यालय ने उन दावों को सख्ती से रद्द कर दिया था कि पाकिस्तान जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट प्राप्त करने के बदले में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हुआ है, यह कहते हुए कि देश ने "सख्त तटस्थता की नीति" बनाए रखी है।
यह खंडन तब आया जब एक अमेरिकी प्रकाशन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि आईएमएफ सौदे को सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के माध्यम से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की।
रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, बलूच ने कहानी को "आधारहीन और मनगढ़ंत" कहकर खारिज कर दिया था।
बता दें कि पश्चिमी दबाव के बावजूद, पाकिस्तान ने रूस की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान करने से इनकार कर दिया। इस्लामाबाद ने सभी अवसरों पर मतदान से परहेज किया है। फिर भी, अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते थे कि पाकिस्तान रूसी विशेष अभियान पर अधिक स्पष्ट रुख अपनाए।