Sputnik India के साथ साक्षात्कार में सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, “भारत को दक्षिण चीन सागर विवाद से स्वयं को अधिक परेशान नहीं करना चाहिए और न ही चीन को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए अमेरिका की ओर से होना चाहिए। हमें व्यावहारिक होना चाहिए, यह जानने में बुद्धिमान होना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय हित क्या हैं।”
उन्होंने रेखांकित किया, “भारत को चीन और अमेरिका दोनों के प्रति मित्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए, चीन के प्रति अधिक मित्रवत होना चाहिए क्योंकि यह हमारा पड़ोसी है और ग्लोबल साउथ का हिस्सा है। भारत को स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करना चाहिए, जो ग्लोबल साउथ के सशक्तिकरण और विकास पर आधारित हो।”
चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बाइडन ने गुरुवार को शी से कहा कि अमेरिका ‘चीन के विरुद्ध अपने गठबंधनों को पुनर्जीवित’ नहीं करना चाहता है।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए मोदी-शी को सीधी बातचीत करनी चाहिए
उन्होंने कहा, “मोदी और शी के मध्य शीघ्र बैठक से निश्चित रूप से सीमा विवाद के समाधान में तेजी आएगी।”
उन्होंने प्रश्न किया, “अगर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ मिल सकते हैं, एक साथ बात कर सकते हैं और एक साथ चल सकते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ऐसा क्यों नहीं कर सकते?”
सुधींद्र कुलकर्णी ने अपनी बात पूर्णतः समाप्त करते हुए कहा, “दोनों नेता मिले और काफी स्पष्ट और कुछ हद तक रचनात्मक बातचीत हुई। इससे अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिर करने में सहायता मिली है। मुझे विश्वास है कि मोदी और शी के मध्य शीघ्र बैठक से भारत-चीन संबंधों में बहुत आवश्यक सफलता मिलेगी जिससे हमारे देशों को गतिरोध समाप्त करने और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग में आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी।”