स्थानीय मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान और ईरान ईरान-पाकिस्तान (आईपी) गैस पाइपलाइन के लिए एक व्यापक कार्यान्वयन रणनीति पर सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।
यह निर्णय तेहरान में दोनों पक्षों के मध्य एक बैठक के बाद सामने आया, जहां इस्लामाबाद ने अपनी धरती पर फरवरी-मार्च 2024 तक पाइपलाइन न बिछाने पर 18 अरब डॉलर के जुर्माने से बचने के लिए नरमी बरतने का अनुरोध किया।
मीडिया के अनुसार, पिछले वर्ष ईरान ने मांग की थी कि पाकिस्तान या तो 18 अरब डॉलर का जुर्माना अदा करे या मार्च 2024 तक अपने क्षेत्र में गैस लाइन परियोजना को पूरा करे।
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री मुहम्मद अली ने कहा कि दोनों देशों ने परियोजना को लागू करने के तरीकों की समीक्षा करने का निश्चय लिया है और इस विषय पर चर्चा अगले दो से तीन सप्ताह में शुरू होगी।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने तेहरान में रचनात्मक बातचीत की है और पाकिस्तान ने परियोजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।”
मंत्री अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “वार्ता के दौरान पाकिस्तान ग्वादर और चमन को अतिरिक्त बिजली निर्यात करने की ईरानी पक्ष की पेशकश पर विचार करने पर सहमत हुआ।”
मुहम्मद अली के अनुसार, पाकिस्तान को ग्वादर के लिए ईरान से अधिक बिजली की आवश्यकता है, बशर्ते बेहतर टैरिफ पर बातचीत हो। हालांकि चीन ग्वादर में आयातित कोयला आधारित 300 मेगावाट का बिजली संयंत्र का निर्माण कर रहा है, लेकिन यह भविष्य की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकता है।
मंत्री ने कहा, "ग्वादर में राष्ट्रीय ग्रिड स्थापित हो जाने के बाद पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय उपयोग के लिए अधिक ईरानी बिजली का भी उपयोग कर सकेगा।"
इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता को आगे बढ़ाने के लिए ईरान द्वारा निर्धारित सितंबर 2024 की समय सीमा अभी भी लागू है, इसलिए नए रास्ते खोजने के लिए पर्याप्त समय है।