बाइडन ने आगे अपने लेख में बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों को "हमलावरों के खिलाफ" खड़े होने और एक उज्जवल, अधिक शांतिपूर्ण भविष्य की दिशा में प्रगति करने के लिए एकजुट करता है।
बाइडन ने 'पुतिन और हमास की चुनौती से पीछे नहीं हटेगा अमेरिका' नामक शीर्षक वाले लेख में यह भी कहा कि अमेरिका "इजरायल के साथ है", लेकिन दावा किया कि गाजा में फिलिस्तीनियों की मौत से उनका "दिल टूट गया" है।
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष को दो साल पूरे होने को है, लेकिन अब यह अमेरिका के लिए मुसीबत बनता जा रहा है, क्योंकि यूक्रेन की सेना तमाम मदद मिलने के बावजूद रूस के सामने कमजोर नजर आ रही है। वहीं लोग कहते हैं कि ताजा इज़राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका का दोहरा रवैया नजर आ रहा है। एक तरफ वह इज़राइल को मदद दे रहा है और दूसरी तरफ गाजा में मारे जा रहे लोगों के लिए सहानुभूति दिखा रहा है।
7 अक्टूबर के बाद से लगातार की जा रही इज़राइली बमबारी में अब तक लगभग 13300 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, मरने वालों में लगभग 6000 के करीब बच्चे थे। कई देशों ने आगे बढ़कर इज़राइल द्वारा की जाने वाली बमबारी के लिए उसकी कड़ी आलोचना की लेकिन अमेरिका ने केवल हल्के शब्दों में इज़राइल से बमबारी रोकने का आग्रह किया।
वर्तमान में, इज़राइल के टेंको ने गाजा स्थित अल-शिफ़ा अस्पताल को घेर रखा है, जिसकी वजह से सैंकड़ों मरीजों को मिस्र भेजना पड़ा। इज़राइल यह दावा कर रहा है कि हमास इस अस्पताल को आधार बनाकर हमला किया जा रहा था, लेकिन अभी तक वह कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है।
Sputnik ने जो बाइडन द्वारा लिखे गए लेख पर ईरान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ मोहसिन हेडियन से बात की, जिन्होंने यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्षों को अमेरिका के लिए जरूरी बताया, जिससे वह रूस और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा।
"भू-राजनीतिक स्थिति और संसाधनों के मामले में यूक्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए विशेष रुचि रखता है, और वे "उदार लोकतंत्र की रक्षा" के बहाने यूक्रेन को रूस से अलग करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं और इस प्रकार, उस शक्ति का मुकाबला कर सकते हैं जो उनके [रूस और यूक्रेन के] सहयोग के परिणामस्वरूप हो सकती है," मोहसिन हेडियन ने कहा।
Gaza Strip
© AP Photo / Leo Correa
मोहसिन ने आगे बताया कि अमेरिका का "यूक्रेन की रक्षा" करना एक बहाना है, क्योंकि उसका असली लक्ष्य रूस ही है, रूस ही इकलौता देश है जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका अपने लिए पूर्वी यूरोप में और नाटो के लिए एक भूराजनीतिक खतरे के रूप में समझता है।
गाजा में चल रहे संघर्ष के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि इज़राइल अमेरिका का बिना शर्त सहयोगी है, यहां तक इज़राइल के बारे में कहा जाता है कि यह अमेरिका का 51वां राज्य है।
"अमेरिका इज़राइल को बल का असंगत उपयोग, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन, नागरिकों की सामूहिक सज़ा जैसे कई आरोपों से बचाने की कोशिश कर रहा है। वह उसके कार्यों को संयुक्त राष्ट्र के आत्मारक्षा के अधिकार से संबंधित अनुच्छेद 51 की मदद से दिखाता है," मोहसिन ने कहा।
वहीं बाइडन द्वारा लिखे गए लेख पर तुर्की के राजनीतिक वैज्ञानिक बिलाल सांबुर ने Sputnik से बात करते हुए बताया कि फिलिस्तीन के भविष्य के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन द्वारा की जा रही चर्चा अमेरिका की इच्छा को दर्शाती है। बिलाल सांबुर के मुताबिक अमेरिका, इज़राइल और तमाम यूरोपीय देश मिलकर गाजा से हमास को निकालकर एक नया फिलिस्तीनी नेतृत्व खड़ा करना चाहते हैं।
“बाइडन ने अपने लेख में खुले तौर पर इस बात पर जोर दिया है कि एशिया, मध्य पूर्व और यूक्रेन में अमेरिकी नीति एक संपूर्ण है। लेख के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका की प्राथमिकता इज़रायल की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उसे मजबूत स्थिति में बनाए रखना है। यह प्राथमिकता स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता के महत्व के बारे में वाशिंगटन की सभी बयानबाजी की पृष्ठभूमि में चली गई है,” विशेषज्ञ ने कहा।
कई विशेषज्ञओं के अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडन का इज़राइल समर्थन 50 साल पहले बनाई गई संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति का ही परिणाम है।