Обломки зданий, пострадавших в результате ракетных ударов ВС Израиля по Газе - Sputnik भारत, 1920
इज़राइल-हमास युद्ध

फिलिस्तीन-इजराइल मुद्दे पर झलकता अमेरिकी दोहरा मापदंड: भारतीय राजनीतिज्ञ

© AP Photo / Evan VucciPresident Joe Biden is greeted by Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu after arriving at Ben Gurion International Airport
President Joe Biden is greeted by Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu after arriving at Ben Gurion International Airport - Sputnik भारत, 1920, 20.10.2023
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कई भारतीय विपक्षी राजनीतिज्ञों ने गाज़ा के एक अस्पताल पर इज़राइल के कथित आक्रमण को नृशंस बताया और कहा कि अमेरिकी साम्राज्यवादी पाखंड हजारों लोगों की जान ले रहा है।
जैसे-जैसे संघर्ष बढ़ता जा रहा है और विश्व फ़िलिस्तीन या इज़राइल का पक्ष लेती दिख रही है, भारत सरकार के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी द्वि-राज्य समाधान के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
Sputnik India ने यह समझने के लिए विभिन्न दलों के भारतीय राजनीतिज्ञों से बात की कि क्या संघर्ष के मुद्दे पर उनके बीच आम राय है।

अमेरिकी साम्राज्यवाद ने अपना चेहरा दिखा दिया है

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव दोराईसामी राजा Sputnik India से बात करते हुए कहा कि इज़राइल निरंतर सभी मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है और गाज़ा के अस्पताल पर कथित इजराइली आक्रमण को नृशंस बताया।

राजा ने कहा, "इज़राइल लगातार सभी मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है और गाज़ा के अस्पताल में हमला सबसे नृशंस आक्रमण है, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 500 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान चली गई।"

राजा ने अमेरिका के दोहरे रवैये की भी आलोचना की, क्योंकि एक तरफ, वह गाजा के लिए मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा कर रहा है, जहां दूसरी ओर अमेरिका ने मानवीय युद्ध विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव को वीटो कर दिया है।
राजा ने कहा, "साम्राज्यवादी पाखंड हजारों निर्दोष लोगों की जान ले रहा है।"

इज़राइल अपने क्षेत्र का विस्तार करना चाहता है: भारतीय सांसद

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भारतीय सांसद मनोज झा ने Sputnik को बताया कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर उनकी पार्टी का रुख 1930 के दशक में महात्मा गांधी द्वारा कही गई बात से एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी है।
सांसद ने Sputnik India को बताया, "भारत सरकार ने भी यही नीति अपना रखी है। हम उस प्रकार की हिंसा के पक्ष में नहीं हैं जो हमास ने जारी रखी है, परंतु साथ ही, इजराइली बलों द्वारा किए गए लगभग जातिसंहार की भी निंदा की जानी चाहिए।"

झा ने बल देकर कहा, "इज़राइल ने दिखाया है कि उसकी नीति फ़िलिस्तीनी क्षेत्र पर और नियंत्रण करने की है... मुझे लगता है कि विश्व के शक्तिशाली देशों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे एक साथ दो राज्यों, यानी इज़राइल और फिलिस्तीन का अस्तित्व सुनिश्चित हो सके”।

उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "यह पिछली सदी के अनसुलझे मुद्दों में से एक है और इस सदी में इसका समाधान करना होगा। हम एक और प्रलय की प्रतीक्षा नहीं कर सकते"।

इज़राइल का समर्थन कौन करता है?

पूर्व भारतीय सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने Sputnik India से बात करते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश ही इज़राइल का समर्थन कर रहे हैं। बाकी विश्व फ़िलिस्तीन के लोगों के साथ खड़ा है।
अल्वी ने कहा, "परंपरागत रूप से भारत फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है और फिलिस्तीनियों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "हमने इजराइल पर हमास के आक्रमण की निंदा की, परंतु इजराइल अब जो कर रहा है वह 'जातिसंहार' है।"

"युद्ध इज़राइल और हमास के मध्य है। लेकिन जिस प्रकार से इज़राइल ने अस्पताल पर बमबारी की, वह अनुचित है। निर्दोष महिलाओं और बच्चों को मारना इज़राइल की मंशा को दर्शाता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों को छोड़कर विश्व भर के नेता इज़राइल की निंदा कर रहे हैं।"

फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष के प्रति भारत के रुख पर बोलते हुए अल्वी ने कहा, "भारत हमेशा गुटनिरपेक्ष रहा है। हम इस संघर्ष के दौरान मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, चाहे वह किसी भी देश का हो"।
वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष के मध्य फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से बात की और गाजा के अल-अहली अस्पताल में लोगों की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त की।
मोदी ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "हम फिलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के बारे में हमारी गहरी चिंता साझा की। इज़राइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।"
अल्वी ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर लोगों ने यह राय बना ली है कि यह युद्ध मुस्लिम बनाम गैर-मुस्लिम देशों के बारे में है, जिसे उन्होंने "दुर्भाग्यपूर्ण" कहा।
In this photo made with a slow shutter speed, light rain falls outside the White House, Friday, Jan. 28, 2022, in Washington. - Sputnik भारत, 1920, 20.10.2023
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