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रूस और भारत की नौसेनाओं के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास बंगाल की खाड़ी में हुआ सम्पन्न

रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार रूस और भारत के बीच बंगाल की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आज संपन्न हुआ। इसकी शुरुआत 21 नवंबर को हुई थी।
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रूसी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार यानी 23 नवंबर को कहा कि रूसी और भारतीय नौसेनाओं के युद्धपोतों ने समुद्री और हवाई लक्ष्यों पर गन फायरिंग के साथ बंगाल की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास का समापन हो गया है।

मंत्रालय के बयान में कहा गया, “बंगाल की खाड़ी में रूस और भारत के मध्य दो दिवसीय नौसैनिक अभ्यास पूरा हो गया है। रूस का प्रतिनिधित्व बड़े पनडुब्बी रोधी जहाज एडमिरल ट्रिब्यूट्स और प्रशांत बेड़े के मध्यम समुद्री टैंकर पेचेंगा ने किया। विध्वंसक रणविजय और कार्वेट किल्टान ने भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व किया।”

इस अभ्यास का उद्देश्य रूसी और भारतीय नौसेनाओं को संयुक्त रूप से विदेशी संकटों का सामना करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नागरिक शिपिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

नाविकों ने युद्धाभ्यास का समन्वय करते हुए संचार कौशल का अभ्यास किया। चलते समय चालक दल ने अपने पुन: आपूर्ति कौशल को तेज किया, और भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर पायलटों ने रूसी नौसेना के जहाज पर डेक लैंडिंग की। वहीं, रूसी पायलटों ने भारतीय विध्वंसक पर विमान उतारने का अभ्यास किया।

अभ्यास का समापन हवाई लक्ष्यों और समुद्री लक्ष्यों पर रात्रि गन फायरिंग के साथ हुआ।
संयुक्त युद्धाभ्यास के बाद रूसी और भारतीय जहाजों के चालक दल ने एक विदाई समारोह आयोजित किया। दोनों देशों के पोत समानांतर में आगे बढ़े और सैनिकों ने अपने संयुक्त अभ्यास के लिए एक-दूसरे के प्रति आभार व्यक्त किया।

भारत और रूस के मध्य 12वां ‘इंद्र नेवी’ अभ्यास बाल्टिक सागर में 2021 में आयोजित किया गया था। अमेरिका ने रूस के साथ संयुक्त अभ्यास पर अप्रसन्नता व्यक्त की, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया और अभ्यास जारी रखा।

पिछले महीने रूस ने म्यांमार के साथ अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास भी किया, जिसे म्यांमार-रूस समुद्री सुरक्षा अभ्यास (MARUMEX) के रूप में जाना जाता है, जिससे जहाजों और विमानों दोनों के साथ उनके सुरक्षा सहयोग को मजबूत किया गया।
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