डीपफेक वीडियोज़ के लगातार वाइरल होने के बाद देश में इसके खात्मे के लिए भारत सरकार ने कमर कस ली है।मंत्री ने आगे जोर देकर कहा कि सरकार आईटी नियमों को तोड़ने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के विरुद्ध फर्स्ट इंफोरमेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगी।
चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक करने के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने जा रहा है, जिस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बता सकेंगे।
"MEITY उपयोगकर्ताओं को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और FIR दर्ज करने में सहायता करेगा। आज से आईटी नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस है," मंत्री ने कहा।
केन्द्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने आगे बाते कि नियम 7 के तहत एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो एक सिस्टम बनाने पर काम करेगा। इस सिस्टम के जरिए उपयोगकर्ता डीपफेक के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा।
"नियम सात अधिकारी भी एक ऐसा व्यक्ति होगा जो एक ऐसा मंच तैयार करेगा जहां नागरिकों के लिए भारत सरकार के ध्यान में अपने नोटिस या आरोप या प्लेटफार्मों द्वारा कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट को लाना बहुत सहज होगा और नियम सात अधिकारी उस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की जानकारी लेंगे और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देंगे। इसलिए हम नागरिकों के लिए प्लेटफ़ॉर्म द्वारा सरकार को कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट करना बहुत आसान बना देंगे..." मंत्री ने कहा।
डीपफेक विडिओ वे वीडियो हैं जिसमें प्रशिक्षित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एल्गोरिदम की सहायता से यथार्थवादी लगने वाले वीडियो बनाये जाते हैं। इसमें AI की सहायता से किसी के चेहरे को किसी और के चेहरे से बदला जा सकता है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों के कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिन्हें डीपफेक की सहायता से चेहरा बदलकर बनाया गया था। इन वीडियोज़ के वाइरल होने के बाद सरकार बड़े स्तर पर इसका नियंत्रण करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।