बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि "मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रवर्तक" के इशारे पर ओआईसी की कार्रवाई उसकी कार्रवाई को और भी संदिग्ध बनाती है।
बागची ने कहा, “भारत भारतीय सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के जनरल सचिवालय द्वारा जारी किए गए बयान को खारिज करता है। यह गलत सूचना और गलत इरादा दोनों है। OIC मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रमोटर के इशारे पर करता है, जिससे उसकी कार्रवाई और भी संदिग्ध हो जाती है। इस तरह के बयान केवल ओआईसी की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं"।
मंगलवार को OIC के महासचिव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा कि महासचिव ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता की भी पुष्टि की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 5 अगस्त, 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।