भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष अन्वेषण में एक अभूतपूर्व छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में घोषणा की कि भारत 2028 तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का अपना पहला मॉड्यूल लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
अमृत काल के दौरान 'भारत स्पेस स्टेशन' नाम की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अगले पांच वर्षों के भीतर लगभग 8 टन वजनी अपने पहले मॉड्यूल को कक्षा में लॉन्च किए जाने की आशा है।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, "अगले 5 वर्षों के भीतर, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का हमारा पहला मॉड्यूल कक्षा में लॉन्च किया जाएगा।"
इस महत्वपूर्ण उपक्रम की तैयारी में, इसरो एक नया और शक्तिशाली रॉकेट विकसित कर रहा है। इस उन्नत रॉकेट को 20 से 1,215 टन तक के पेलोड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो भारत की वर्तमान रॉकेट तकनीक से अत्यंत उन्नत है, जिसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 10 टन है।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन इसरो के भविष्य के मिशनों में एक महत्वपूर्ण तत्व बनने के लिए तैयार है, जो उन्नत अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक रणनीतिक मंच प्रदान करेगा।
अपनी अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को और बढ़ाते हुए, इसरो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की भी योजना बना रहा है। इस अंतरिक्ष यात्री मिशन को 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।