देश की बड़ी आबादी के हितों की रक्षा के लिए ऊर्जा परिवर्तन को व्यवस्थित तरीके से करने की जरूरत है, केंद्रीय मंत्री ने कहा।
दरअसल केंद्रीय मंत्री विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक 2024 से इतर 'स्थायी आर्थिक विकास की दिशा में भारत के ऊर्जा बदलाव को गति देने'' के विषय पर एक सत्र में बोल रहे थे।
"मुझे नहीं लगता कि हमें पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 2028 तक इंतजार करने की ज़रूरत है, और यदि आप देखें कि क्या हो रहा है, तो यह 2028 से बहुत पहले हो जाना चाहिए," पुरी ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि "भारत स्थायी लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से अवगत है और बढ़ती अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगा।"
"आर्थिक विकास और ऊर्जा के बीच संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि अब हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब हैं, लेकिन तथ्य यह है कि हमें अपनी आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से का ख्याल रखने की जरूरत है," केंद्रीय मंत्री ने टिप्पणी की।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि "मुझे विश्वास है कि ऊर्जा परिवर्तन पर 2030 के लिए हमारे जो भी लक्ष्य हैं, हम उन्हें पूरा करेंगे। हमारी हरित हाइड्रोजन नीति बड़े पैमाने पर सफल होगी।"