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विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर देश में नंबर 1 बने प्रगनानंदा कौन हैं?

भारत पिछले सालों में शतरंज के कई महारथी इस दुनिया को दे चुका है। विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हम्पी,परिमार्जन नेगी जैसे अनेकों शतरंज के खिलाड़ियों ने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है।
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ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंदा पहली बार देश के अनुभवी शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को पछाड़कर भारत के शीर्ष क्रम के पुरुष शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
प्रगनानंदा बुधवार को टाटा स्टील मास्टर्स टूर्नामेंट के चौथे दौर में मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। उनकी इस उपलब्धि पर देश में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी भारतीय शतरंज खिलाड़ी प्रागनानंदा की सराहना करते हुए एक्स पर लिखा कि यह हमारे देश के लिए गर्व का क्षण है।
"अपनी उपलब्धि पर बेहद गर्व है, प्राग। क्या आश्चर्यजनक क्षण था, मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर भारत का शीर्ष रेटेड खिलाड़ी बनना। यह वास्तव में हमारे राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है!," गौतम अडानी ने लिखा।
प्रगनानंदा 2023 में विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बने थे, वह विश्वनाथन आनंद के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं, 2022 में उन्होंने विश्व के सबसे बड़े शतरंज के खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को कई बार हराकर शतरंज की दुनिया में सुर्खियां बटोरीं थी।

कौन है रमेशबाबू प्रगनानंदा?

रमेशबाबू प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त 2005 में हुआ था। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के रहने वाले रमेशबाबू प्रगनानंदा कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय शतरंज परिदृश्य में छा गए।
उन्होंने केवल 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर की उपाधि हासिल कर सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में इतिहास रच डाला। इसके बाद उन्होंने क्रमशः 2013 और 2015 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर -8 और अंडर -10 खिताब जीते, जिसके बाद उन्होंने फिडे मास्टर का खिताब हासिल किया।
इसके बाद वह 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए, जो अब तक के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर थे। 22 फरवरी, 2022 को 16 साल की उम्र में तत्कालीन विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर वह ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।
यह उल्लेखनीय जीत एयरथिंग्स मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में एक रैपिड गेम के दौरान हुई।
प्रगनानंदा ने एक्स्ट्राकॉन शतरंज ओपन और विश्व युवा चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट जीते। उन्होंने 14 साल की उम्र में 2600 की रेटिंग हासिल की, ऐसा करने वाले वे दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।
इसके बाद उन्होंने जूलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर में प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ते हुए पोल्गर चैलेंज जीता। प्रगनानंदा ने मेल्टवॉटर चैंपियन शतरंज टूर में अच्छा प्रदर्शन करते हुए मैग्नस कार्लसन के साथ ड्रॉ भी खेला।
प्रगनानंदा ने विश्व कप फाइनल में स्थान सुरक्षित करके इतिहास रचा। यह उपलब्धि उल्लेखनीय है क्योंकि 2002 में विश्वनाथन आनंद के बाद से कोई भी भारतीय इस स्तर तक नहीं पहुंच पाया था।
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