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'पड़ोसियों को एक-दूसरे की ज़रूरत': मालदीव के 'इंडिया आउट' अभियान पर एस जयशंकर की प्रतिक्रिया

मालदीव में 'इंडिया आउट' अभियान के कारण नई दिल्ली और माले के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि अंतत: पड़ोसियों को एक-दूसरे की जरूरत होती है।
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इतिहास और भूगोल बहुत शक्तिशाली ताकतें हैं और इससे कोई बच नहीं सकता है। जयशंकर ने यह टिप्पणी मुंबई में भारतीय प्रबंधन संस्थान में एक बातचीत के दौरान की।
दरअसल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक मालदीव से अपने 88 सैन्य कर्मियों को वापस बुला लेने का अनुरोध किया है। मुइज्जू सरकार पिछली सरकार द्वारा भारत के साथ हस्ताक्षरित 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा कर रही है।

कठिन परिस्थितियों में मदद

लाल सागर में व्यापारी जहाजों पर हमलों से निपटने के लिए क्षेत्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की तैनाती पर जयशंकर ने कहा कि "भारत की अधिक क्षमता, उसकी अपनी रुचि और प्रतिष्ठा आज इस बात की गारंटी देती है कि वह वास्तव में कठिन परिस्थितियों में मदद करता है।"

जयशंकर ने कहा, "अगर हमारे पड़ोस में बुरी चीजें हो रही हैं और हम कहते हैं कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो हमें एक जिम्मेदार देश नहीं माना जाएगा।"

मंत्री का बयान तब आया जब भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा द्वारा सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री डाकुओं से ईरानी ध्वज वाले जहाज को बचाने के साथ ही 36 घंटे के भीतर मछली पकड़ने वाले एक पाकिस्तानी जहाज के 19 सदस्यों के चालक दल को बचाया गया।
बता दें कि आईएनएस सुमित्रा को सोमालिया के पूर्व और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किया गया है। भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपने 10 जहाज तैनात किए हैं।
डिफेंस
36 घंटे से कम समय में भारतीय नौसेना ने एक और जहाज को सोमाली समुद्री डाकुओं से बचाया
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