पिछले वर्ष की तुलना में बजट में 27 हजार करोड़ का इजाफा किया गया है, बजट 2003-24 में ये 5.94 लाख करोड़ रुपये था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में और आत्मनिर्भरता एवं निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य के साथ, वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा बजट 6.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह कुल केंद्रीय बजट का 13.04% है, जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया गया था।"
दरअसल इस वर्ष के रक्षा बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा एक अभूतपूर्व योजना की शुरूआत है। इस पहल का उद्देश्य भारत के रक्षा बलों के भीतर 'आत्मनिर्भरता' की खोज के साथ संरेखित करते हुए, रक्षा उद्देश्यों के लिए डीपटेक प्रौद्योगिकियों को मजबूत करना है।
अत्याधुनिक वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग प्रगति को शामिल करने वाला डीपटेक एक केंद्र बिंदु बन गया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और क्वांटम कंप्यूटिंग शामिल हैं। यह पहल वैश्विक रुझानों के अनुरूप है, जहां एआई, एमएल और रोबोटिक्स को सैन्य अभियानों में तेजी से एकीकृत किया जा रहा है।
इस बीच एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'अंतरिम बजट' एक आश्वस्त, मजबूत और आत्मनिर्भर 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा, "बजट भारत के तीव्र आर्थिक परिवर्तन की झलक देता है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण से प्रेरित है।"