https://hindi.sputniknews.in/20240201/drion-saude-men-deriii-krike-khaalistaanii-mudde-pri-bhaarit-pri-dbaav-bnaanaa-chaahtaa-hai-ameriikaa-visheshgya-6409854.html
ड्रोन सौदे में देरी करके खालिस्तानी मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाना चाहता है अमेरिका: विशेषज्ञ
ड्रोन सौदे में देरी करके खालिस्तानी मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाना चाहता है अमेरिका: विशेषज्ञ
Sputnik भारत
प्रस्तावित 3 बिलियन डॉलर की खरीद में भारतीय नौसेना के लिए 15 सी गार्जियन ड्रोन शामिल हैं, जबकि भारतीय वायु सेना और थल सेना को आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन मिलने वाले हैं।
2024-02-01T16:49+0530
2024-02-01T16:49+0530
2024-02-01T16:49+0530
राजनीति
भारत
अमेरिका
रूस
रक्षा मंत्रालय (mod)
रक्षा उत्पादों का निर्यात
राष्ट्रीय सुरक्षा
ड्रोन
हथियारों की आपूर्ति
खालिस्तान
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/02/01/6410072_0:122:2000:1247_1920x0_80_0_0_5b9da36313e125d4783406eb919bec6a.jpg
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार ने भारत में 31एमक्यू-9ए सी गार्डियन और स्काई गार्डियन ड्रोन की डिलीवरी तब तक के लिए रोक दी है जब तक कि नई दिल्ली गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश रचने की "सार्थक जांच" नहीं कर लेती।अमेरिका का भारत के प्रति इस अविश्वास को लेकर Sputnik India से बात करते हुए रक्षा मामलों के जानकार कमर आगा ने रेखांकित किया की "इस व्यापार को लेकर भारत की कुछ अलग प्लानिंग थी, लेकिन और भी दूसरे रास्ते मौजूद हैं। भारत आत्मनिर्भर होकर खुद ही रक्षा प्रणाली का विकास करे तो यह भारत के लिए बहुत अच्छा होगा।"उन्होंने कहा अमेरिका चाहता है कि भारत आ[नी स्वतंत्र विदेश नीति को छोड़े और उसकी बनाई हुई नीति पर ही काम करे, जो की भारत के साथ संभव नहीं है। अमेरिका भारत को QUAD का सदस्य बनाकर चीन की विस्तारवादी नीति को रोकना चाहता था जो नहीं हुआ।विशेषज्ञ ने आगे कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है, पूरी दुनिया की नीति में बदलाव हो रहा है, लेकिन अमेरिकी नीति वैसी की वैसी ही है जिससे पूरी दुनिया में अशान्ति सी बनी हुई है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत है, उनकी सेना बड़ी है और वह हरेक मुद्दे का हल सेना के द्वारा करना चाहता हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सका, चाहे वह इराक हो या अफगानिस्तान जहां वे अपने हित को पूरा नहीं कर पाया और उसे उन देशों को छोड़ना पड़ा।"हाल के दिनों में कनाडा और अमेरिका में भारत के खिलाफ खालिस्तानी तत्व ज्यादा ऐक्टिव हुए हैं और कुछ दिनों पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में अलग पंजाब राज्य की मांग करते हुए खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह करने के लिए एकजुट हुए थे। भारत खालिस्तान के मुद्दे पर बेहद सख्त रहा है और इन देशों के साथ इन मुद्दों पर बातें भी की है।भारतीय मीडिया के अनुसार अमेरिकी कांग्रेस ने डील को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसको लेकर सूचना जारी की जाएगी। हालांकि, भारत में अमेरिकी दूतावास ने इस रिपोर्ट पर कुछ कहने से इनकार कर दिया है और कहा है कि राज्य विभाग भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।
https://hindi.sputniknews.in/20240121/knaadaa-ke-sthaan-pri-riuus-bhaaritiiy-chaatron-ke-lie-ek-achchhaa-viklp-ho-sktaa-hai-visheshgya-6253139.html
भारत
अमेरिका
रूस
पंजाब
कनाडा
ग्रेट ब्रिटेन
अफगानिस्तान
इराक़
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
रितेश कुमार
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/0b/09/5323022_0:0:1081:1082_100x100_80_0_0_be96e2ce64642f8b5006d576f6efc589.jpg
रितेश कुमार
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/0b/09/5323022_0:0:1081:1082_100x100_80_0_0_be96e2ce64642f8b5006d576f6efc589.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/02/01/6410072_87:0:1914:1370_1920x0_80_0_0_09e1b34631c762504dbb78d63ec716bf.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
रितेश कुमार
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/0b/09/5323022_0:0:1081:1082_100x100_80_0_0_be96e2ce64642f8b5006d576f6efc589.jpg
अमेरिकी सरकार, खालिस्तान मुद्दे के जरिए भारत पर दवाब, भारतीय वायु सेना, भारत में 31एमक्यू-9ए सी गार्डियन और स्काई गार्डियन ड्रोन की डिलीवरी, गुरपतवंत सिंह पन्नून की कतिथ हत्या की साजिश, खालिस्तान, चीन की विस्तारवादी नीति, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की अर्थव्यवस्था, अफगानिस्तान
अमेरिकी सरकार, खालिस्तान मुद्दे के जरिए भारत पर दवाब, भारतीय वायु सेना, भारत में 31एमक्यू-9ए सी गार्डियन और स्काई गार्डियन ड्रोन की डिलीवरी, गुरपतवंत सिंह पन्नून की कतिथ हत्या की साजिश, खालिस्तान, चीन की विस्तारवादी नीति, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की अर्थव्यवस्था, अफगानिस्तान
ड्रोन सौदे में देरी करके खालिस्तानी मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाना चाहता है अमेरिका: विशेषज्ञ
प्रस्तावित 3 बिलियन डॉलर की खरीद में भारतीय नौसेना के लिए 15 सी गार्जियन ड्रोन शामिल हैं, जबकि भारतीय वायु सेना और थल सेना को आठ-आठ स्काई गार्जियन ड्रोन मिलने वाले हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार ने भारत में 31एमक्यू-9ए सी गार्डियन और स्काई गार्डियन ड्रोन की डिलीवरी तब तक के लिए रोक दी है जब तक कि नई दिल्ली गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश रचने की "सार्थक जांच" नहीं कर लेती।
अमेरिका का भारत के प्रति इस अविश्वास को लेकर Sputnik India से बात करते हुए रक्षा मामलों के जानकार कमर आगा ने रेखांकित किया की "इस व्यापार को लेकर भारत की कुछ अलग प्लानिंग थी, लेकिन और भी दूसरे रास्ते मौजूद हैं। भारत आत्मनिर्भर होकर खुद ही रक्षा प्रणाली का विकास करे तो यह भारत के लिए बहुत अच्छा होगा।"
कमर आगा ने बताया, "भारत का रूस के साथ भी सुरक्षा को लेकर व्यापक संबंध है, और अगर ड्रोन को लेकर मिलकर काम करें तो दोनों के हित में फायदेमंद साबित होगा। भारत और रूस पहले भी ब्रह्मोस जैसे मिसाइल बना चुके हैं। अमेरिकी कभी भी भरोसे का साथी नहीं होते, ये दूसरे देशों के हितों को कभी ध्यान में नहीं रखते बल्कि खुद के फायदे के लिए हमेशा काम करते हैं। इन्हीं के कारण आज के समय में मध्य पूर्व के देशों की हालात और दशा खराब बनी हुई है। क्योंकि वे देश पश्चिमी देशों पर निर्भर थे और उन्हें आज उसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा अमेरिका चाहता है कि भारत आ[नी
स्वतंत्र विदेश नीति को छोड़े और उसकी बनाई हुई नीति पर ही काम करे, जो की भारत के साथ संभव नहीं है। अमेरिका भारत को QUAD का सदस्य बनाकर चीन की विस्तारवादी नीति को रोकना चाहता था जो नहीं हुआ।
आगा ने कहा, "अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक सैन्य सहयोगी संगठन बनाया जिसमें वो भारत को शामिल करना चाहते थे, लेकिन भारत शामिल नहीं हुआ। अमेरिकी अमन शांति की बात तो करते हैं लेकिन वे हमेशा दुनिया को युद्ध ही देते हैं। अमेरिका की हमेशा से नीति रही है कि विकासशील देश उनके साथ जुड़ें और उनके हितों के लिए काम करें।"
विशेषज्ञ ने आगे कहा, "
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है, पूरी दुनिया की नीति में बदलाव हो रहा है, लेकिन अमेरिकी नीति वैसी की वैसी ही है जिससे पूरी दुनिया में अशान्ति सी बनी हुई है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत है, उनकी सेना बड़ी है और वह हरेक मुद्दे का हल सेना के द्वारा करना चाहता हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सका, चाहे वह इराक हो या अफगानिस्तान जहां वे अपने हित को पूरा नहीं कर पाया और उसे उन देशों को छोड़ना पड़ा।"
हाल के दिनों में कनाडा और अमेरिका में भारत के खिलाफ खालिस्तानी तत्व ज्यादा ऐक्टिव हुए हैं और कुछ दिनों पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में अलग पंजाब राज्य की मांग करते हुए
खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह करने के लिए एकजुट हुए थे। भारत खालिस्तान के मुद्दे पर बेहद सख्त रहा है और इन देशों के साथ इन मुद्दों पर बातें भी की है।
आगा ने कहा, "किसी भी देश का भगोड़ा या चरमपंथी हो उसे पश्चिमी देश हमेशा आश्रय देते रहे हैं। खालिस्तान को लेकर भी उनकी नीति साफ है कि उन्हें आश्रय देकर सामने वाले देश पर दवाब बनाया जाए किसी भी चीज को लेकर जिसमें उनका अपना हित हो। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा इन सब की नीति एक ही तरह की है, लेकिन अब वह ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। ये सभी देश आज भी फूट डालो और शासन करो की नीति पर चल रहे हैं।"
भारतीय मीडिया के अनुसार अमेरिकी कांग्रेस ने डील को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसको लेकर सूचना जारी की जाएगी। हालांकि, भारत में अमेरिकी दूतावास ने इस रिपोर्ट पर कुछ कहने से इनकार कर दिया है और कहा है कि राज्य विभाग भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।