भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा जारी किये बयान के मुताबिक संस्थान 155 मिमी के स्मार्ट गोला बारूद को विकसित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उद्यम म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी करने जा रहा है।
बयान के अनुसार, IIT मद्रास के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के संकाय प्रोफेसर जी. राजेश और उनके शोधकर्ताओं की टीम स्मार्ट गोला-बारूद को दो साल में विकसित करेंगे।
कैसे अलग होगा 155 मिमी स्मार्ट गोला?
155 मिमी भारतीय स्मार्ट गोला-बारूद की प्रमुख विशेषता यह होगी कि इसमें बंदूक प्रणाली में कोई बदलाव किए बिना 39 और 45 कैलिबर 155 मिमी आर्टिलरी गन से स्मार्ट गोला लॉन्च किया जाएगा।
यह एक फिन-स्थिर, कैनार्ड-नियंत्रित, निर्देशित शेल होगा जिसकी अधिकतम सीमा 38 किमी और न्यूनतम सीमा 8 किमी है, इसमें 3-मोड फ़्यूज़ ऑपरेशन प्वाइंट विस्फोट, विस्फोट की ऊंचाई, विलंबित विस्फोट भी होगा।
इसका उद्देश्य 10 मीटर के सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) के भीतर 155 मिमी शेल की सटीकता को बढ़ाना है। एक अन्य प्रमुख लक्ष्य टर्मिनल प्रभाव बिंदु पर घातकता को बढ़ाना है।
सर्कुलर संभावित त्रुटि (CEP), जिसे लक्ष्य बिंदु पर केंद्रित वृत्त की रेडियस के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें हिट की 50% संभावना है, बैलिस्टिक परिशुद्धता को चिह्नित करने के लिए उपयोग की जाने वाली परिशुद्धता के कई उपायों में से एक है।
इसके साथ बयान के अनुसार, इसमें भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) गाइडेड जीपीएस बैक-अप होगा।