एसआईए-इंडिया द्वारा आयोजित डेफसैट सम्मेलन और एक्सपो के दौरान जनरल चौहान ने भारत के निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष उद्यमियों को यह सुनहरा मौका हाथ से न जाने देने के लिए और इस क्षेत्र में देश को जल्द ही आत्मनिर्भरता हासिल करने में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।
सीडीएस ने भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (NAVIC) को मजबूत करके स्वदेशी पोजिशनिंग, नेविगेशन और टाइमिंग (PNT) सेवाओं को विकसित करने के महत्त्व पर भी जोर दिया।
जनरल अनिल चौहान ने बताया, “भविष्य की हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए, अगर मैं एक मोटा अनुमान लगाऊं, तो आने वाले कुछ वर्षों में हमारा परिव्यय 25,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। निजी उद्योग के लिए इस अवसर का उपयोग करने का यह सही समय है। निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए यह अमृतकाल हो सकता है। मैं सोचता हूं कि आत्मनिर्भर रक्षा अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का समय आ गया है।"