पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे अपने चुनावों के प्रति कुछ देशों और संगठनों के 'नकारात्मक रुख से अचंभित' हुए हैं।
मंत्रालय ने कहा, "हम ऐसे कुछ बयानों के नकारात्मक स्वर से आश्चर्यचकित हैं, जो न तो चुनावी प्रक्रिया की जटिलता को ध्यान में रखते हैं, न ही लाखों पाकिस्तानियों द्वारा मतदान के अधिकार के स्वतंत्र और उत्साही कार्यान्विति को स्वीकार करते हैं।"
यह भी कहा गया, "ये बयान इस निर्विवाद तथ्य को नजरअंदाज करते हैं कि पाकिस्तान ने मुख्य रूप से विदेशी प्रायोजित आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर सुरक्षा खतरों से निपटते हुए शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक आम चुनाव कराए हैं।"
मंत्रालय ने इंटरनेट शटडाउन का आरोप खारिज कर कहा कि "आतंकवादी घटनाओं से बचने के लिए केवल मोबाइल सेवाएं सस्पेंड कर दी गई थी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि चुनाव 'स्थिर और लोकतांत्रिक समाज' के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बयान में कहा गया, "हालांकि हम अपने दोस्तों की रचनात्मक सुझाव को महत्व देते हैं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही नकारात्मक टिप्पणी करना न तो रचनात्मक है, न ही उद्देश्यपूर्ण।"
मंत्रालय के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान के अधिकारी "जीवंत लोकतांत्रिक राजनीति" बनाने का प्रयास करेंगे, "हर चुनाव और सत्ता का शांतिपूर्ण परिवर्तन हमें उस लक्ष्य के करीब लाता है।"
अमेरिका द्वारा चुनावी धांधली की जांच की मांग
पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन सहित पश्चिमी देशों ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाया।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हस्तक्षेप या धांधली के दावों की पूरी जांच की जानी चाहिए।"
मिलर ने चुनाव से पहले "अभिव्यक्ति, संघ और शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता पर अनुचित प्रतिबंध" पर भी चिंता जताया उन्होंने साथ ही कहा कि वाशिंगटन पाकिस्तान की नई सरकार के साथ काम करेगा, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का हो।