हाल के समय में देखा जा रहा है कि कनाडा में हिन्दू मंदिर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं, आए दिन किसी न किसी मंदिर पर हमले और चोरी की घटनाएं आम हो चली हैं, इन घटनाओं पर इंडो-कनाडाई समुदाय ने निराशा जताई है।
सबसे ताजा मामला इसी सप्ताह की शुरुआत का है जब कनाडा के ओकविले शहर के वैष्णो देवी मंदिर में अज्ञात लोगों ने सेंध लगाकर दान पत्र में से नगदी लूटने के साथ साथ मंदिर के कार्यालयों में भी तोड़फोंड़ की। इसके अतिरिक्त लुटेरे मंदिर में रिकॉर्डिंग करने वाले उपकरण भी अपने साथ ले गए।
इस घटना पर मंदिर के अध्यक्ष केशव अग्निहोत्री ने कहा कि चोरी से सभी स्तब्ध हैं। इसके बाद नेशनल एलायंस ऑफ इंडो-कैनेडियन्स का मानना था कि हिंदू पूजा स्थलों की लगातार लक्षित चोरी और बर्बरता की "सभी सही सोच वाले कनाडाई लोगों द्वारा निंदा की जानी चाहिए।"
पिछले वर्ष सितंबर के महीने में कम से कम छह हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था, और कम से कम 18 ऐसी सेंधमारी हुई थीं। मार्च 2022 में उन चोरियों के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने भारतीय-कनाडाई समुदाय में चिंता उत्पन्न कर दी थी।
डरहम क्षेत्रीय पुलिस सेवा ने पिछले वर्ष दिसंबर में ब्रैम्पटन शहर के निवासी 41 वर्षीय जगदीश पंढेर को हिंदू मंदिरों में कई डकैतियों में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था।
याद दिलाएं कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा के सरे शहर में एक खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।
प्रधानमंत्री ट्रूडो के सभी आरोपों को भारत ने "बेतुका" और "प्रेरित" बताकर खारिज कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा ने भारत के साथ कोई विशेष सबूत या इनपुट साझा नहीं किया है।