वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सुबह तीन बजे की गई पूजा आरती: रिपोर्ट
© AP Photo / Rajesh Kumar SinghGyanvapi mosque
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ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 17 वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य द्वारा करवाया गया था, हालांकि अदालत के निर्देशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से कराए गए सर्वेक्षण के दौरान इस परिसर में हिंदू देवताओं की मूर्तियां मिली थीं।
भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में जिला अदालत के फैसले का पालन करते हुए गुरुवार की सुबह 3 बजे पूजा आरती की गई।
यह पूजा परिसर के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यास जी के तहखाने में की गई है, पूजा शुरू होने से पहले जिले के सभी अधिकारियों ने देर रात दो घंटे तक काशी विश्वनाथ परिसर में मंथन किया, जिसके बाद अदालत के फैसले को अमल में लाने के लिए कार्यवाही की गई।
यह पूजा परिसर के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यास जी के तहखाने में की गई है, पूजा शुरू होने से पहले जिले के सभी अधिकारियों ने देर रात दो घंटे तक काशी विश्वनाथ परिसर में मंथन किया, जिसके बाद अदालत के फैसले को अमल में लाने के लिए कार्यवाही की गई।
इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी में हिन्दू उपासकों को पूजा करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने तहखाने तक भक्तों की पहुंच बनाने के लिए बैरिकेड्स हटाकर एक सीधा रास्ता बना दिया। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर के आस पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें प्राचीन मूर्तियों की खोज का खुलासा किया गया है जो इस पवित्र स्थल पर हिंदू देवताओं भगवान विष्णु, भगवान हनुमान और अन्य की उपस्थिति और पूजा की पुष्टि करती हैं।
हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें प्राचीन मूर्तियों की खोज का खुलासा किया गया है जो इस पवित्र स्थल पर हिंदू देवताओं भगवान विष्णु, भगवान हनुमान और अन्य की उपस्थिति और पूजा की पुष्टि करती हैं।