भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान के मुताबिक DFCC को तेजस Mk1A1 के लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE), बेंगलुरु द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है।
"वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के डिजिटल फ्लाई में क्वाडर्पलेक्स पावर पीसी आधारित प्रोसेसर, हाई स्पीड ऑटोनॉमस स्टेट मशीन आधारित I/O नियंत्रक, उन्नत कम्प्यूटेशनल थ्रूपुट और DO178C स्तर-A सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप जटिल ऑन-बोर्ड सॉफ़्टवेयर शामिल हैं। इसके उड़ान नियंत्रण के सभी महत्वपूर्ण पैरामीटर और प्रदर्शन संतोषजनक पाए गए," बयान में कहा गया।
पहली उड़ान का संचालन राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र के विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह केएमजे (सेवानिवृत्त) ने किया।
भारतीय वायु सेना पहले ही तेजस LCA Mk1 का संचालन कर चुकी है। इस विमान के उन्नत संस्करण तेजस Mk1A में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन वाले डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (एसएमएफडी), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे (एईएसए) रडार, उन्नत स्व-सुरक्षा जैमर, इलेक्ट्रॉनिक सुविधाएं और युद्ध सूट आदि शामिल हैं।
भारतीय वायु सेना पहले ही तेजस LCA Mk1 का संचालन कर चुकी है। इस विमान के उन्नत संस्करण तेजस Mk1A में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन वाले डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (एसएमएफडी), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे (एईएसए) रडार, उन्नत स्व-सुरक्षा जैमर, इलेक्ट्रॉनिक सुविधाएं और युद्ध सूट आदि शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेजस Mk1A1 के लिए इस महत्वपूर्ण प्रणाली के विकास और सफल उड़ान परीक्षण में शामिल DRDO, IAF, ADA और उद्योगों की संयुक्त टीमों की सराहना की।