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भारत-कनाडा विवाद के परिणामस्वरूप भारतीयों के कनाडा प्रवास में आई कमी: रिपोर्ट

भारत और कनाडा के मध्य विवाद का प्रभाव अब कनाडा में स्थायी निवास के लिए भारतीयों के आवेदनों की संख्या पर भी पड़ा है, दिसंबर 2023 में इस तरह के आवेदनों की संख्या में 62 प्रतिशत की कमी आई है।
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आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (IRCC) के आंकड़ों के हवाले से भारतीय मीडिया ने बताया कि दिसंबर में आवेदनों की संख्या 2022 में 16,796 से गिरकर 2023 में 6,329 हो गई, 2023 की अंतिम तिमाही के दौरान भारतीयों के आवेदन 35,735 से गिरकर 19,579 हो गए थे।
इस गिरावट में कई कारक रहे जिसकी वजह से आवेदनों में कमी आई, पिछले वर्ष सितंबर में कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने भारत के विरुद्ध बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ था, हालांकि भारत सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताया था।

इसके साथ कनाडा सिख चरमपंथियों, खालिस्तान आंदोलन और कथित 'आतंकवादियों' को शरण देने में आगे रहा है।

उदाहरण के लिए, भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू के बारे में विवरण साझा किया था जो "भारत का विभाजन और भारतीय दूतावास के अधिकारियों को धमकाता रहता है।"

NIA के दस्तावेज़ में कहा गया है कि पन्नु ने अपने ऑडियो संदेशों के माध्यम से भारत की एकता और अखंडता को चुनौती दी और पन्नु पंजाबियों के लिए खालिस्तान नाम से एक अलग देश, मुसलमानों के लिए 'डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ उर्दूस्तान' नाम से एक देश और कश्मीर के लोगों के लिए एक राष्ट्र चाहता है।
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