मीडिया ने श्रीलंका के एक शीर्ष अधिकारी के हावले से मंगलवार को बताया कि श्रीलंका और भारत समुद्र के अंदर ट्रांसमिशन लाइन पर काम कर रहे हैं, जिसकी लागत लगभग 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर होगी। इसके बाद ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने के लिए द्वीप राष्ट्र की बिजली आपूर्ति को भारत से जोड़ा जाएगा।
श्रीलंका के बिजली एवं ऊर्जा मंत्रालय की सचिव सुलक्षणा जयवर्धने ने कहा, ''इससे ऊर्जा सुरक्षा पर हमारी उम्मीदें बढ़ेंगी। इस बैठक में पावर ग्रिड इंटरकनेक्शन के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।''
जयवर्धने बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत-श्रीलंका संयुक्त कार्य समूह (JWG) की 28 फरवरी को हुई पांचवीं बैठक के दौरान बोल रही थी, इस बैठक में श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा भी शामिल थे।
भारत सरकार की सहायता के तहत की जाने वाली इस परियोजना में तीन द्वीपों के लिए 530 किलोवाट पवन ऊर्जा, 1,700 किलोवाट सौर ऊर्जा, 2,400 किलोवाट बैटरी पावर और 2,500 किलोवाट डीजल बिजली प्रणाली शामिल होगी। हालांकि यह श्रीलंका के राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ा नहीं होगा।
इससे पहले श्रीलंका ने 2023 में कहा था कि उसे दो से तीन वर्षों के भीतर ट्रांसमिशन लाइन स्थापित होने की उम्मीद है ताकि द्वीपों पर उत्पादित नवीकरणीय ऊर्जा भारत को बेची जा सके।