यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

नाटो और यूक्रेनी सेनाओं का प्राथमिक लक्ष्य है क्रीमिया, पर इस आक्रमण से होगा यूक्रेन का अंत: अधिकारी

यूक्रेन की थलसेना के प्रमुख अलेक्जेंडर पावल्युक ने हाल ही में कहा कि यूक्रेन की मंशा इस वर्ष एक बड़ा स्ट्राइक ग्रुप निर्माण करने और प्रतिउत्तरी आक्रमण पुनः आरंभ करने की है।
Sputnik
क्रीमिया सरकार के उप प्रधानमंत्री जॉर्जी मुरादोव ने रविवार 10 मार्च को कहा कि यूक्रेन की सेना का नया प्रतिउत्तरी आक्रमण यूक्रेन के विनाश का निमित्त बन सकता है।

मुरादोव ने Sputnik को बताया, "एक नए यूक्रेनी प्रतिउत्तरी आक्रमण की संभावनाएं स्पष्ट हैं। नया प्रतिउत्तरी आक्रमण अंततः यूक्रेनी सशस्त्र बलों और यूक्रेन दोनों को ही नष्ट कर देगा, क्योंकि यह उसे उसके शेष मानव संसाधनों से पूर्णतः वंचित कर देगा।"

निशाने पर क्रीमिया

वहीं क्रीमिया संसद के प्रमुख व्लादिमीर कोन्स्टेंटिनोव ने कहा कि नाटो देश टोही जानकारी पाने के लिए अपने विमान काला सागर में भेज रहे हैं जिससे यूक्रेन इसका उपयोग करके क्रीमिया प्रायद्वीप पर आक्रमण कर सके।

अधिकारी ने कहा, "नाटो देश क्रीमिया के आसपास काला सागर में टोही अभियान चलाते हैं। यह अनुमान लगाना कठिन नहीं कि एकत्र किया जा रहा डेटा किसे और किस उद्देश्य से दिया जाता है। यूक्रेन को कम से कम कुछ सैन्य सफलताओं की आवश्यकता है और काला सागर में क्रीमिया उनके लिए प्राथमिक लक्ष्य है।"

कोन्स्टेंटिनोव की यह टिप्पणी ऐसे समय सामने आई है जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि वे नहीं चाहते कि यूक्रेन संघर्ष में रूस की विजय हो और जोर दिया कि हो सकता है यूरोप यूक्रेन में अपने सैनिक भेजेगा।
मैक्रों की इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में अगर अपने सैनिकों को नियुक्त किया तो रूस और नाटो के मध्य युद्ध होकर रहेगा।
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