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जर्मन अधिकारियों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक होने से नाटो सदस्यों के बीच दरार
जर्मन अधिकारियों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक होने से नाटो सदस्यों के बीच दरार
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जर्मन अधिकारियों के बीच आपसी बातचीत की लीक रिकॉर्डिंग ने नाटो सदस्यों के बीच "विभाजन पैदा किया" और प्रमुख हथियार प्राप्त करने के यूक्रेन के प्रयासों में भी बाधा उत्पन्न की।
2024-03-05T16:49+0530
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लेख में कहा गया कि पिछले कुछ दिनों में मास्को अपने दुश्मनों के बीच विभाजन पैदा करने, जर्मन चांसलर को बदनाम करने और प्रमुख हथियारों को हासिल करने के यूक्रेन के प्रयास को विफल करने में कामयाब रहा है।अन्य राजनेता जो इस से असहमत हैं, वे स्थिति पर गौर करने के बारे में सोच रहे हैं और पूछ रहे हैं कि स्कोल्ज़ ने मिसाइलें न भेजने का फैसला क्यों किया। इस जांच में लंबा समय लग सकता है और इससे यूक्रेन को मदद नहीं मिल सकेगी.बता दें कि पिछले हफ्ते जर्मन सैन्य अधिकारियों की गोपनीय बातचीत से जुड़ी एक रिकॉर्डिंग रूस के पास पहुंची थी। जिसमें उन्होंने यूक्रेन को टॉरस मिसाइलों की संभावित आपूर्ति और रूस के क्रीमिया पुल पर हमले की चर्चा की।
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जर्मन अधिकारियों की लीक रिकॉर्डिंग, जर्मन अधिकारियों के बीच बातचीत, यूक्रेन के प्रयास विफल, क्रूज़ मिसाइल, जर्मनी की सेना की हताशा, जर्मनी चांसलर की हठधर्मिता, जर्मनी चांसलर की घबराहट, कीव को मिसाइल की आपूर्ति, रूस के खिलाफ साजिश, नाटो सदस्यों के बीच मतभेद, जर्मन सैन्य अधिकारियों की गोपनीय बातचीत से जुड़ी एक रिकॉर्डिंग, गेरहर्ट्ज़, ग्रेफे, मार्गरीटा सिमोनियन , अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी), टॉरस मिसाइल, रूसी रक्षा मंत्रालय, हवाई रक्षा, बुंडेसवेहर
जर्मन अधिकारियों की लीक रिकॉर्डिंग, जर्मन अधिकारियों के बीच बातचीत, यूक्रेन के प्रयास विफल, क्रूज़ मिसाइल, जर्मनी की सेना की हताशा, जर्मनी चांसलर की हठधर्मिता, जर्मनी चांसलर की घबराहट, कीव को मिसाइल की आपूर्ति, रूस के खिलाफ साजिश, नाटो सदस्यों के बीच मतभेद, जर्मन सैन्य अधिकारियों की गोपनीय बातचीत से जुड़ी एक रिकॉर्डिंग, गेरहर्ट्ज़, ग्रेफे, मार्गरीटा सिमोनियन , अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी), टॉरस मिसाइल, रूसी रक्षा मंत्रालय, हवाई रक्षा, बुंडेसवेहर
जर्मन अधिकारियों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक होने से नाटो सदस्यों के बीच दरार
16:49 05.03.2024 (अपडेटेड: 19:05 05.03.2024) जर्मन अधिकारियों के बीच आपसी बातचीत की लीक रिकॉर्डिंग ने नाटो सदस्यों के बीच "विभाजन पैदा कर दिया" और प्रमुख हथियार प्राप्त करने के यूक्रेन के प्रयासों में भी बाधा उत्पन्न की, अमेरिकी अखबार पोलिटिको ने बताया।
लेख में कहा गया कि पिछले कुछ दिनों में मास्को अपने दुश्मनों के बीच विभाजन पैदा करने, जर्मन चांसलर को बदनाम करने और प्रमुख हथियारों को हासिल करने के यूक्रेन के प्रयास को विफल करने में कामयाब रहा है।
पोलिटिको ने लिखा, "रिकॉर्डिंग जर्मनी सेना की संस्थागत हताशा और क्रूज़ मिसाइलों को यूक्रेन को भेजने पर चांसलर की हठधर्मिता पर उसकी घबराहट को उजागर करती है। दुर्भाग्य से इस बातचीत के जारी होने के बाद कीव को मिसाइलें मिलने की संभावना और भी कम हो गई हैं।"
अन्य राजनेता जो इस से असहमत हैं, वे स्थिति पर गौर करने के बारे में सोच रहे हैं और पूछ रहे हैं कि स्कोल्ज़ ने
मिसाइलें न भेजने का फैसला क्यों किया। इस जांच में लंबा समय लग सकता है और इससे यूक्रेन को मदद नहीं मिल सकेगी.
बता दें कि पिछले हफ्ते जर्मन सैन्य अधिकारियों की
गोपनीय बातचीत से जुड़ी एक रिकॉर्डिंग रूस के पास पहुंची थी। जिसमें उन्होंने यूक्रेन को टॉरस मिसाइलों की संभावित आपूर्ति और रूस के क्रीमिया पुल पर हमले की चर्चा की।