यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

नाटो को यूक्रेन में अपनी सेना की मौजूदगी से इनकार करना बंद करना चाहिए: रूसी विदेश मंत्रालय

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में हुए सम्मेलन में शामिल हुए देशों की रूस के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन में सेना भेजने की कोई योजना नहीं है।
Sputnik
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि यूक्रेन में कोई सैन्य उपस्थिति नहीं होने का नाटो का दावा झूठा है।
जखारोवा पोलिश विदेश मंत्री रैडोस्लाव सिकोरस्की के उस बयान पर टिप्पणी कर रही थीं जिसमें सिकोरस्की ने पोलैंड की नाटो सदस्यता की 25वीं वर्षगांठ पर एक सम्मेलन में कहा था कि नाटो सेना पहले से ही यूक्रेन में है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये सैनिक किस देश के हैं।

ज़खारोवा ने रूसी अखबार इज़वेस्टिया के साथ बातचीत में स्पष्ट किया कि यूक्रेन में नाटो देशों की सैन्य उपस्थिति कोई नया खुलासा नहीं है और कहा, "वे इसे अब और छिपा नहीं सकते थे।"

इससे पहले 26 फरवरी को पेरिस में यूक्रेन पर एक सम्मेलन के बाद मैक्रॉन ने कहा कि इस सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों ने यूक्रेन में जमीनी सेना भेजने पर विचार किया है, लेकिन उस पर अभी कोई सहमति नही बनी है।
रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने पोलिश विदेश मंत्री के बयान पर कहा कि यूक्रेन में नाटो सैन्यकर्मी मौजूद हैं, और संबंधित सेवाओं के पास लंबे समय से जानकारी है कि किसी न किसी रूप में जो लोग खुद को सलाहकार कहते हैं और सीधे तौर पर नाटो से संबंधित हैं, वे वास्तव में यूक्रेन के क्षेत्र में हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नाटो देशों को ऐसी कार्यवाही के परिणामों का "आकलन" करना चाहिए और उनके बारे में जागरूक रहना चाहिए।
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