रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े के जहाजों की एक टुकड़ी, जिसमें गार्ड मिसाइल क्रूजर वैराग और फ्रिगेट मार्शल शापोशनिकोव शामिल थे, ने ईरानी और चीनी नौसेनाओं के जहाजों के साथ संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास "समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2024" के व्यावहारिक कार्यों का अभ्यास शुरू किया।
यह युद्धाभ्यास अरब सागर के ओमान की खाड़ी में हो रहा है, इसका मुख्य लक्ष्य "समुद्री आर्थिक गतिविधियों की सुरक्षा पर काम करना" है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "अभ्यास के दौरान, तीनों देशों के युद्धपोत संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगे और सतह एवं हवाई लक्ष्यों पर गोलीबारी करेंगे, और समुद्री डाकुओं द्वारा पकड़े गए जहाज को मुक्त कराने का भी अभ्यास करेंगे।"
मंत्रालय के अनुसार "अभ्यास में रूस, ईरान और चीन की नौसेना के 20 से अधिक जहाज, सहायक जहाज और लड़ाकू नौकाएं शामिल हैं। नौसेना के हेलीकाप्टरों का भी व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है।
बता दें कि समुद्री सुरक्षा बेल्ट अभ्यास 2018 से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ईरान, चीन और रूस की नौसेना के जहाज निरंतर भाग लेते आ रहे हैं। इस साल पहली बार पाकिस्तान, कज़ाकिस्तान, अज़रबैजान, ओमान, भारत और दक्षिण अफ्रीका की नौसेनाओं के प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लेंगे।