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रूसी चुनावी व्यवस्था अन्य कई देशों की तुलना में अधिक पारदर्शी: भारतीय पर्यवेक्षक

Election headquarters of Russian presidential candidate Vladimir Putin
रूस में राष्ट्रपति चुनाव चल रहा है। तीन दिवसीय चुनावी प्रक्रिया 15 मार्च को शुरू हुई है और 17 मार्च को समाप्त होगी।
Sputnik
भारत के एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक राजेश बाघा ने कहा है कि रूस में चुनावी प्रक्रिया विश्व के कई देशों की तुलना में अधिक पारदर्शी है।
बाघा ने रूसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार व्लादिमीर पुतिन के चुनाव मुख्यालय के सह-अध्यक्ष व्लादिमीर माशकोव के साथ एक बैठक में कहा, "रूस में चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता का स्तर विश्व के कई देशों में अप्राप्य है।"
“मैंने देखा कि यहाँ सब कुछ कितना पारदर्शी है। हर मतदान केंद्र में एक नहीं, बल्कि दो कैमरे लगे थे। मैंने मतदान करने वाले लोगों से व्यक्तिगत रूप से संवाद किया। मैंने उनसे संपर्क किया, उनसे प्रश्न पूछे। मैंने यह सुनिश्चित किया कि वे किसी तीसरे पक्ष से प्रभावित न हों। मुझे यह देखकर बहुत सुखद आश्चर्य हुआ कि सब कुछ कितना पारदर्शी था,” उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए यह भी कहा कि "बहुत देशों में ऐसी पारदर्शी प्रक्रिया नहीं है।"
भारतीय स्वतंत्र पर्यवेक्षक ने कहा कि रूस में चुनाव "छुट्टी की तरह" आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पूरे परिवार आकर हिस्सा लेते हैं।

“जब मैं यहां आया, तो मुझे बहुत सुखद आश्चर्य हुआ। भारत में चुनावों पर छुट्टी होती है और यहां भी मैंने वही देखा। रूस हमारे बहुत निकट है, हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से यह एक है," बाघा ने कहा।

चार उम्मीदवार - व्लादिमीर पुतिन, व्लादिस्लाव दावानकोव, लियोनिद स्लटस्की और निकोलाई खारितोनोव - रूसी राष्ट्रपति के पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
In this handout photo released by the Russian Foreign Ministry, Russian Foreign Ministry’s spokeswoman Maria Zakharova attends her weekly briefing in Moscow, Russia
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