काबुल और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते तनाव के समय पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दक्षिण एशियाई देश के सशस्त्र बलों में काम करने वाले अफगानी नागरिकों को लेकर बड़ा दावा किया है।
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन को साक्षात्कार देते हुए आसिफ ने बताया कि ऐसे मामले सामने आए हैं जब बिना दस्तावेज़ वाले अफगानी नागरिक पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए और जाँच में उनकी संदिग्ध सामग्री की पुष्टि होने के बाद उन्हें सैन्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि पाकिस्तान अब से अफगानिस्तान से आए अवैध अप्रवासियों को शरण नहीं देगा। उन्होंने साथ ही पड़ोसी देश के मौजूदा शासकों से अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें आम तौर पर किसी विदेशी संप्रभु राज्य का सफर करने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है।
आसिफ ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई भारतीय पाकिस्तान में सिख या हिंदू तीर्थस्थलों की यात्रा करना चाहता है, तो उसे पाकिस्तानी वीजा की आवश्यकता होती है, इसे अफगानों के लिए भी लागू किया जाएगा।
रक्षा मंत्री का यह बयान अफगानिस्तान के पकतीका और खोस्त प्रांतों में तहरीक-ए-तालिबान* (टीटीपी) के ठिकानों पर पाकिस्तानी वायुसेना की कार्यवाही के संदर्भ में आया है, जिसके परिणामस्वरूप तालिबान** ने 'बुरे परिणाम' की चेतावनी दी थी।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, "ऐसी घटनाओं के बहुत बुरे परिणाम हो सकते हैं जो पाकिस्तान के नियंत्रण में नहीं होंगे।"
तालिबान के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी हवाई हमले के फलस्वरूप कुल मिलकर 8 लोगों की मौत हो गई।
*प्रतिबंधित आतंकवादी समूह
**संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन
**संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन