यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

अधिकांश यूक्रेनी लोगों को कीव की रूस पर विजय पाने की क्षमता पर संदेह: मीडिया

अमेरिकी मीडिया पोलिटिको के अनुसार यूक्रेन में ज्यादातर लोगों को कीव की रूस पर विजय पाने की क्षमता को लेकर संदेह है।
Sputnik
समाचार पत्र के मुताबिक यूक्रेनी सेना को हुए नुकसान और घायल सैन्यकर्मीयों की संख्या बढ़ने के कारण यूक्रेन में "देशभक्ति का उत्साह" कमजोर हो रहा है, इसी बीच संघर्ष के भविष्य को लेकर निराशावादी विचार तेज हो रहे हैं।

“ज्यादातर लोग प्रश्न उठा रहे हैं कि क्या यूक्रेन मास्को पर विजय पा सकता है?” अखबार के लेख में कहा गया।

फरवरी में कीव इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि 70% से अधिक यूक्रेनी मानते हैं कि देश में संघर्ष को हल करने के लिए राजनयिक रास्ता तलाशना आवश्यक है। मई 2022 से इस दृष्टिकोण के समर्थकों की संख्या बढ़ी है।
मास्को ने बार-बार शांति वार्ता आयोजित करने की तैयारी पर संकेत दिए हैं, लेकिन कीव ने विधायी स्तर पर उस पर प्रतिबंध लगा दिया। पश्चिम यूक्रेन के वार्ता में शामिल होने से लगातार इनकार को नजरअंदाज करता रहा है। क्रेमलिन ने कहा था कि वर्तमान में यूक्रेन में स्थिति को शांतिपूर्ण दिशा में बदलने के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं हो सकती। रूस के लिए प्राथमिकता विशेष सैन्य अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करना है और फिलहाल यह सैन्य तरीकों से ही संभव है।
क्रेमलिन के बयान के अनुसार यूक्रेन में स्थिति को शांतिपूर्ण दिशा में बदलना संभव है बशर्ते वास्तविक स्थिति और नई वास्तविकता को ध्यान में रखा जाए और मास्को की सभी मांगें सर्वविदित हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बाद में कहा कि अगर यूक्रेन वार्ता प्रक्रिया शुरू करना चाहता है, तो नाटकीय इशारों की जरूरत नहीं है, रूस के साथ वार्ता पर रोक लगाने वाली डिक्री को रद्द किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, रूस कभी भी शांतिपूर्ण तरीकों से यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के खिलाफ नहीं रहा है, लेकिन रूसी संघ की सुरक्षा की गारंटी का पालन किया जाना चाहिए।
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