पश्चिम का पर्दाफाश
उन्होंने कहा, "समय-समय पर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार में हस्तक्षेप करने के लिए विभिन्न तरीकों को अपनाया है क्योंकि यह सरकार अमेरिकी हितों के अधीन नहीं है।"
डीप स्टेट को भारत-अमेरिका संबंधों में सबसे बड़ी गड़बड़ी बताते हुए उन्होंने कहा, "डीप स्टेट जिसका प्रमुख मीडिया संगठनों सहित अमेरिकी सरकार में व्यापक प्रभाव है, हमारे राजनीतिक मामलों और निर्णय लेने की प्रक्रिया में लगातार हस्तक्षेप के माध्यम से भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। डीप स्टेट भारत को अस्थिर करने पर तुला है जैसा कि उसने कई अन्य देशों में किया है।"
अनंत भागवत ने साथ ही कहा, "केजरीवाल के भारत विरोधी एजेंडा का पर्दाफाश हो गया। लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि केजरीवाल का समर्थन करते हुए पश्चिम का भी पर्दाफाश हो गया। भारत ने पहले ही जर्मनी को अपनी नाराजगी बहुत दृढ़ता से व्यक्त करा दी है। पश्चिमी शक्तियां अंततः इस तथ्य से सहमत होंगी कि भारतीय जनता मोदी के साथ है और बदनाम विपक्षी राजनेताओं को बढ़ावा देकर गुस्सा भड़काने की ऐसी कोशिशें अब काम नहीं करेंगी।''
बाहरी प्रमाण की आवश्यकता नहीं
भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने Sputnik India को बताया, "भारत एक मजबूत और संपन्न लोकतंत्र है। हमारे पास स्वतंत्र प्रेस और कानून का शासन सुनिश्चित करती क्रियाशील न्यायपालिका है। पश्चिमी मीडिया का इस बात पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा कि अमेरिकी एजेंसियां भारत के मामलों पर गलत टिप्पणी करने के बजाय अपने पूर्व राष्ट्रपति के साथ सामूहिक रूप से क्या कर रही हैं।"