भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत में कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर नई दिल्ली ने कड़ी आपत्ति जताई है।
सरकार ने बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप प्रमुख के साथ दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय कार्यालय में 40 मिनट बैठक की।
भारत के विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद बयान जारी कर कहा, "कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है। जब साथी लोकतंत्रों की बात आती है तो जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। अन्यथा इस से एक अस्वस्थ मिसाल कायम हो सकती है। भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समयबद्ध परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है। उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है।"
अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणी से पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय द्वारा जोर देकर कहा गया था कि केजरीवाल, आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य भारतीय नागरिक की तरह न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं। भारत सरकार ने टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जर्मन दूत को तलब किया था और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी को "आंतरिक मामलों में ज़बरदस्त हस्तक्षेप" करार दिया।
अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, केजरीवाल को इस सप्ताह 28 मार्च तक जेल भेज दिया गया है।