IAF ने दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार बताया कि पाकिस्तान पर ब्रह्मोस मिसाइल की गलती से फायरिंग नियमित रखरखाव के दौरान आयी तकनीकी खराबी के कारण हुई थी।
IAF ने बताया, "ब्रह्मोस मिसाइल के मिलिटरी कनेक्टर इसके जंक्शन बॉक्स से जुड़े रह गये थे और इसलिए गलती से ब्रह्मोस मिसाइल फायर हो गई थी।"
यह भी कहा गया है कि मिसफायर की घटना से सरकारी खजाने को प्रायः 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। साथ ही भारतीय वायुसेना की 'प्रतिष्ठा को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही IAF ने इस हादसे के कारण भारत और पाकिस्तान के मध्य संबंध भी प्रभावित करने वाला करार दिया।
ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर जहाज-रोधी और हमले के संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार के रूप में कार्य करती है। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से बनी ब्रह्मोस के विस्तारित संस्करणों के सभी तीन वेरिएंट थल, हवा, जहाज और पनडुब्बियों से सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।