रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट के बारे में एक गोलमेज सम्मेलन के बाद कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के यूक्रेन की 2022 की सीमाएं वापस लौटने के बाद शांति वार्ता शुरू करने का विचार अप्रासंगिक है।
लवरोव ने कहा कि ज़ेलेंस्की का शांति फॉर्मूला एक अल्टीमेटम की तरह है। वे चाहते हैं कि रूस आत्मसमर्पण कर दे और अपनी नई सीमाओं पर से पीछे हट जाए। यह बेतुका है।
ज़ेलेंस्की ने पिछले हफ्ते कहा था कि रूस के साथ शांति वार्ता यूक्रेन की सीमाओं को 1991 की स्थिति के लिए बहाल किए बिना शुरू हो सकती है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुगांस्क, ज़पोरोज्ये और खेरसॉन क्षेत्र भी यूक्रेन का हिस्सा थे।
दरअसल, उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन 2022 की अपनी पूर्व-संघर्ष सीमा को बहाल कर पाया, तो रूस के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार होगा।
ज़ेलेंस्की का यह बयान यूक्रेन के अन्य अधिकारियों के पिछले बयानों के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहते रहते थे कि यूक्रेन की 1991 की सीमाओं पर बहाल करने बिना रूस और यूक्रेन के बीच कोई शांति वार्ता संभव नहीं है।
बता दें कि पत्रकार दिमित्री किसेलेव को इंटरव्यू देते हुए पिछली 13 मार्च को व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस बातचीत करने के लिए तैयार है। लेकिन हमारी इस तैयारी में बहुत से सवाल भी हैं। हमारी बातचीत यथार्थ पर आधारित होनी चाहिए, न कि किसी नशेड़ी की माँगों पर। बातचीत ऐसी होनी चाहिए, जो रूस की सुरक्षा की असली गारंटी दे, न कि रूस को किन्हीं बहानों से फँसाने की कोशिश की जाए।