आगा ने कहा, "भारत संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनना चाहता है। भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान में भी सुधार चाहता है, लेकिन इतने वर्षों बाद भी पश्चिमी देश यह नहीं चाहते। इसलिए भारत पर झूठे आरोप लगाना पश्चिम की दवाब की रणनीति का हिस्सा है।"
आगा ने कहा, "पश्चिमी देश यह नहीं चाहते कि ब्रिक्स और संघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत कोई बड़ी भूमिका निभाए, बल्कि वे चाहते हैं कि भारत हिन्द प्रशांत क्षेत्र में ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के सैन्य गठबंधन का हिस्सा बने ताकि भारतीय सेना का प्रयोग चीन या अन्य देशों के खिलाफ किया जा सके। हालांकि भारत के चीन से अच्छे संबंध नहीं है, लेकिन भारत युद्ध में विश्वास नहीं करता। लक्षित हत्याओं का ये आरोप एक दवाब रणनीति है, जो काफी पहले समय से चल रही है।"
आगा ने कहा, "पश्चिमी देशों में द्विविधता है, जिसके अंतर्गत एक नीति का उपयोग अपने लिए करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय नियम है उनका पालन स्वयं ये नहीं करते, मगर दूसरे देशों द्वारा उल्लंघन नहीं होने पर भी आरोप लगा देते हैं और उन देशों के खिलाफ एक अभियान चलाने लगते हैं, क्योंकि पश्चिमी मीडिया बहुत ताकतवर है।"
आगा ने कहा, "पश्चिमी देश उनके खिलाफ हो जाते हैं, जब कोई विकासशील देश उभरने लगता है। जैसे भारत की अर्थव्यवस्था चार ट्रिलियन के निकट है और लगातार बढ़ रही है। भारत के रूस और अन्य देशों से अच्छे संबंध है, जो कि पश्चिमी देशों को नहीं पसंद है। चूंकि पश्चिमी देशों का वैश्विक स्तर पर प्रभाव गिर रहा है, इसलिए ये दवाब बना रहे हैं कि सैन्यकरण विदेश नीति के माध्यम से अपना वर्चस्व दुबारा से बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें वे सफल नहीं हो पाएंगे।"