मोदी ने कहा, "आज जो लोग इस पर नाच रहे हैं, उन्हें जल्द ही पछताना पड़ेगा।"
चुनावी बॉन्ड में भ्रष्टाचार को लेकर लोग कांग्रेस पर विश्वास नहीं करेंगे
राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, "2014 के बाद से, जब से भाजपा और मोदी सत्ता में आए, किसी भी मंत्री के भ्रष्टाचार में संलग्न होने की कोई खबर नहीं आई है। जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन हर योजना पारदर्शी है और लोगों का मानना है कि मोदी सरकार आम जनता के लाभ के लिए काम कर रही है।"
चुनावी बॉन्ड जारी होने का मतदान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
उन्होंने कहा, "क्या वे लोगों को यह समझा पाएंगे कि चुनावी बॉन्ड से सबसे अधिक लाभ भाजपा को हुआ है? मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि भाजपा को 47 प्रतिशत चंदा मिला है, जबकि विपक्षी दलों और अन्य राजनीतिक दलों को 53 प्रतिशत चंदा मिला है। ऐसी स्थिति में, कांग्रेस लोगों को कैसे समझायेगी कि भाजपा भ्रष्टाचार में लिप्त है।”
विशेषज्ञ ने कहा, "इतना ही नहीं एक टीवी साक्षात्कार में मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि चुनावी बॉन्ड लाने के पीछे का उद्देश्य राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाना था। बहुत ही सरल तरीके से उन्होंने देश के लोगों को बताया कि चुनावी बॉन्ड में कोई भ्रष्टाचार नहीं है, बल्कि इसे और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए लाया गया था।"