अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित ज़पोरोज्ये परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हुए ड्रोन हमले को लेकर रूस और फिर यूक्रेन के अनुरोध पर आगामी गुरुवार को वियना में संगठन के मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की जा रही है।
हालांकि, पश्चिमी मीडिया ने शुरू में एक साथ दावा किया कि यूक्रेन ने इस हमले को अंजाम दिया था, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रूस से ही ऐसी कार्रवाइयों से परहेज करने का आह्वान किया, जिनसे परमाणु खतरा पैदा हो सकता है।
मिलर के इस बयान के तुरंत बाद पश्चिमी मीडिया इस जानकारी को छिपाने लगी कि वास्तव में किसने यह हमला किया था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने Sputnik रेडियो के साथ साक्षात्कार में कहा कि यह छिपाना विवेकहीनता है कि ज़पोरोज्ये परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले के लिए यूक्रेन जिम्मेदार है, लेकिन पश्चिमी देश इसे मान नहीं सकते।
ज़खारोवा ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पश्चिम और उसके प्रभाव में रहने वाले लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। क्योंकि उनके द्वारा 'ज़पोरोज्ये परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कीव शासन के हमले' का उल्लेख करते ही, एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और शांति के प्रवर्तक के रूप में ज़ेलेंस्की का मुखौटा पूरी तरह से उतर जाएगा।"
उन्होंने साथ ही कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अमेरिका सहित पश्चिमी देश यूक्रेन को जो हथियार दे रहे हैं, इसका इस्तेमाल परमाणु सुविधाओं पर हमलों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके विपरीत, यूक्रेन नए हथियार न मिलने पर अपने इस तरह के हमलों को तेज करने की धमकी देकर अपने सहयोगियों को ब्लैकमेल कर सकता है।
ज़खारोवा ने कहा, "पश्चिमी देशों ने [यूक्रेन को] एक दानव बनाया और अब खुद यह मानने से डरते हैं कि इसके परिणाम उन्हें प्रभावित कर सकते हैं।"
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "मानो वे इस बारे में बात करके खुद को ब्रेनवाश कर रहे हैं कि खतरनाक घटनाओं को दोहराया नहीं जाना चाहिए।"