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चुनाव के बाद म्यांमार के साथ परिवहन कनेक्टिविटी बनाना भारत की प्राथमिकता: जयशंकर

भारत के भूमि से घिरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में म्यांमार, दुनिया के बाकी हिस्सों तक भारत की पहुँच बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत म्यांमार के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भूमि मार्ग यातायात भी तलाश रहा है।
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भारत और म्यांमार के रखाइन राज्य में सितवे बंदरगाह के बीच सड़क परिवहन का विकास करना नई दिल्ली के लिए प्राथमिक लक्ष्य होगा।

जयशंकर ने म्यांमार की सीमा से लगे मिजोरम राज्य के लेंगपुई में चुनावी बैठक के दौरान कहा, "हम मिजोरम से सड़क के माध्यम से म्यांमार के सितवे बंदरगाह तक पहुँच बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें अभी कुछ समस्याएं आ रही हैं। लेकिन निश्चित रूप से चुनाव के बाद सड़क जल्द से जल्द पूरी होते देखना हमारा पहला लक्ष्य होगा।"

सितवे म्यांमार के रखाइन राज्य में बंगाल की खाड़ी पर स्थित गहरे पानी का बंदरगाह है, जिसका उद्घाटन पिछले वर्ष मई में भारतीय बंदरगाह और शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार के परिवहन और संचार मंत्री एडमिरल टिन आंग द्वारा संयुक्त रूप से म्यांमार में किया गया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस हफ्ते सितवे बंदरगाह पर परिचालन शुरू करने के लिए राज्य समर्थित इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
उम्मीद है कि बंदरगाह चालू होने से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और इसके अन्य हिस्सों के बीच परिवहन समय और लागत में कमी आएगी।
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