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भारत ने अफगानिस्तान में हिन्दू-सिखों को भूमि लौटाने के तालिबान के फैसले का किया स्वागत

अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान* की सत्ता में वापसी के बाद कई सिखों और हिंदुओं ने अफगानिस्तान छोड़कर भारत और अन्य देशों में शरण ली। हालांकि तालिबान ने हाल ही में इन अल्पसंख्यकों के प्रति अपना रुख नरम कर लिया है।
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को उनकी निजी जमीन वापस लौटाने के तालिबान शासन के फैसले को सकारात्मक घटनाक्रम बताया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार शाम नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हमने इस मुद्दे पर खबरें देखी हैं। अगर तालिबान प्रशासन ने अफगान हिंदू और सिख समुदाय के अपने नागरिकों का संपत्ति का अधिकार बहाल करने का फैसला किया है, तो हम इसे एक सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखते हैं।"

इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान ने पुष्टि की कि उसने अफगान हिंदुओं और सिखों को वापस लाने के लिए एक आयोग की स्थापना की है, जो पहले दशकों से अफगानिस्तान में रहते थे और देश की अर्थव्यवस्था में प्रमुख स्थान रखते थे।
दोहा में इस्लामिक समूह के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख सुहैल शाहीन ने कहा कि इन धार्मिक अल्पसंख्यकों की वापसी की निगरानी तालिबान के न्याय मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
तालिबान उस भूमि को वापस कर देगा, जो सहयोगी पश्चिमी मिलिशिया या सरदारों द्वारा अफगान हिंदुओं और सिखों से जबरन जब्त की गई थी।
जैसे ही तालिबान बहाली प्रक्रिया पूरी कर लेगा, निजी संपत्तियां उनके संबंधित हिंदू और सिख मालिकों को वापस कर दी जाएंगी।
*संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन
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