एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जेनरेटिव एआई (जेनएआई) के विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत भविष्य में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक होगा।
इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और एआई-केंद्रित सेवाओं में जेनएआई अपनाने में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई।
अनुमान के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में GenAI व्यय स्तर 2027 तक 26 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 95.4 प्रतिशत होगी।
यह वृद्धि एआई नवाचार और तकनीकी प्रगति के अग्रिम चरण को आगे बढ़ाने में क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
आईडीसी एपीजे में बिग डेटा और एआई की अनुसंधान प्रमुख दीपिका गिरी का अनुमान है कि जेनएआई में निवेश स्थिर होने से पहले अगले दो वर्षों के भीतर अपने चरम पर पहुँच जाएगा।
गिरि ने कहा, "चीन को GenAI के लिए अग्रणी बाजार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने का अनुमान है, जबकि भारत आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से विस्तार करने वाला बाजार बनने के लिए तैयार है।"
GenAI सॉफ्टवेयर विकास से लेकर ग्राहक सेवा तक विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन ला रहा है, जिससे क्षेत्र में नवाचार के एक नए युग का आरंभ हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, GenAI एशिया में तेजी से बढ़ रहा है, मुख्यतः वित्तीय सेवा क्षेत्र में। इसमें GenAI के 96.7 प्रतिशत वृद्धि के CAGR पर 2027 तक 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।