पश्चिमी मीडिया में भारत के चित्रण के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत में 'खान मार्केट गैंग' की तरह, इसका एक वैश्विक विस्तार 'अंतर्राष्ट्रीय खान मार्केट गैंग' भी मौजूद है।
"आज देश में एक निश्चित विचारधारा से जुड़े तत्व मौजूद हैं जिनके लिए 'खान मार्केट गैंग' का एक बहुत अच्छा रूपक अलंकार उपयोग किया जाता है। इसी तरह एक अंतरराष्ट्रीय खान मार्केट गैंग भी है," जयशंकर ने कटाक्ष करते हुए कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि "ये वे लोग हैं जो एक तरह से भारत के विशिष्ट तबके से जुड़े हुए हैं। वे उनके साथ सामाजिक रूप से सहज हैं। वे उन्हें जानते हैं और उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं। इसलिए दोनों के बीच एक सहजीवी संबंध है।
"जब 'घरेलू खान मार्केट' की बिक्री कम होती है तो 'अंतर्राष्ट्रीय खान मार्केट' सहारा देता है। पश्चिमी मीडिया और इस अंतर्राष्ट्रीय खान मार्केट गैंग के बीच संबंध हैं। यह एक अलग तरह के स्तर की सोच वाले लोग हैं, जो भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं," जयशंकर ने कहा।
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति की दिशा और भारतीय मतदाताओं की पसंद को प्रभावित करने का एक बहुत ही स्पष्ट प्रयास किया जा रहा है। यह चुनाव के समय चरम पर होता है, लेकिन यह उसके बाद भी जारी रहता है।
विदेश मंत्री ने उदाहरण दिया कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई और इसे अच्छा माना गया। पश्चिमी मीडिया ने इसे एक अच्छा फैसला बताकर इसकी तारीफ की और समझदारी वाला फैसला बताया गया। उन्होंने पश्चिमी मीडिया पर तंज कसते हुए कहा "जब ये लोग आपकी तारीफ करें तो आपको चिंतित होना चाहिए।"