ब्रिक्स एक बहुध्रुवीय विश्व का प्रतीक है, जिसमें विभिन्न सभ्यताएं और संस्कृतियां शामिल हैं, रूसी दार्शनिक, राजनीतिक विशेषज्ञ और समाजशास्त्री अलेक्जेंडर डुगिन ने सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) में कहा।
"विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों वाले विभिन्न विषयों से मिलकर बनी एक बहुध्रुवीय दुनिया हमारी आंखों के सामने बन रही है। ब्रिक्स इस बहुध्रुवीय विश्व की संस्था के निर्माण की दिशा में एक मौलिक आंदोलन है, जो हमारी आंखों के सामने घटित हो रहा है। अर्थात्, ब्रिक्स पहले से ही एक बहुध्रुवीय विश्व है...लेकिन ब्रिक्स सदस्य केवल देश ही नहीं हैं, वे महान सभ्यताएं हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के देश शामिल हैं," डुगिन ने विशेषज्ञ मंच के एक सत्र में कहा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ब्रिक्स संस्कृतियों का संवाद है और पश्चिम अभी भी ब्रिक्स से बाहर है, क्योंकि वह इस बात पर जोर देता है कि पश्चिमी संस्कृतियों और सभ्यताओं के अलावा कोई अन्य संस्कृति या सभ्यता नहीं है।
बता दें कि 1 जनवरी को रूस एक वर्ष के लिए ब्रिक्स का अध्यक्ष बना है। रूसी अध्यक्षता की शुरुआत संगठन में नए सदस्यों के शामिल होने से हुई। भारत, रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा, अब इस समूह में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब शामिल हैं। रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता "न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत" करने के आदर्श वाक्य के तहत आयोजित की जा रही है।