पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में सड़क किनारे हुए विस्फोट के बाद देश से आतंकवाद को मिटाने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। इस घटना में एक कैप्टन समेत सात सैन्यकर्मी मारे गए।
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के लक्की मरवात जिले में सैनिकों को ले जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर रविवार को विस्फोट किया गया।
अफगानिस्तान की सीमा से लगे केपी में हाल ही में हिंसा में वृद्धि के बीच पुलिस, सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कई हमले हुए हैं ।
हालांकि किसी भी समूह ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी*) की ओर से किया गया है, जिसने हाल की कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता जताई है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने सोशल मीडिया में जोर देकर कहा, "लक्की मरवत जिले में लक्षित हमले में एक कैप्टन सहित पाक सेना के जवानों की शहादत से बहुत दुखी हूँ। हमारे बहादुर सैनिकों और नागरिकों का बलिदान हम पर एक कर्ज है जिसे हमें अपने देश से आतंकवाद को लगातार खत्म करके चुकाना होगा। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना।"
सोमवार को एक अलग घोषणा में ISPR ने अपने सैनिकों पर हमलों के बावजूद उग्रवाद से लड़ने में अपनी दृढ़ता की पुष्टि की।
सेना की मीडिया शाखा ने कहा, "पाकिस्तान के सुरक्षा बल आतंकवाद के अभिशाप को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमारे बहादुर शहीदों का बलिदान हमारे संकल्प को मजबूत करता है।"
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह बयान नवंबर 2022 में सरकार और टीटीपी के बीच नाजुक संघर्ष विराम की समाप्ति के बाद देश के पश्चिमी प्रांतों, केपी और बलूचिस्तान में आतंकवादी हिंसा के फिर से उभरने के बीच आया है।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले सप्ताह हमलावरों ने कम से कम चार पुलिसकर्मियों और एक मुल्लाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि अलग-अलग घटनाओं में केपी में तीन पोलियो रोधी टीकाकार और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पाकिस्तान हिंसा में वृद्धि के लिए पड़ोसी अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराता है, हालांकि काबुल इन आरोपों का खंडन करता है तथा कहता है कि पाकिस्तान में बढ़ती अशांति एक आंतरिक मामला है, जिसे इस्लामाबाद को सुलझाना है।
*प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन