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जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर भविष्य की विदेश नीति का एजेंडा बताया

India's External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar walks out after the meeting of the Nepal-India joint commission in Kathmandu on January 4, 2024.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अलग-अलग दृष्टिकोणों को रेखांकित किया।
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एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत की विदेश नीति बीजिंग के साथ “सीमा मुद्दों” और इस्लामाबाद के साथ “सीमा पार से वर्षों पुराने आतंकवाद” का समाधान खोजने पर केंद्रित होगी।
इसके साथ जयशंकर ने दूसरी बार देश के विदेश मंत्री के रूप में मंगलवार को कार्यभार संभाला।

‘‘चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमाओं से जुड़े मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा, जो अभी भी जारी हैं," जयशंकर ने कहा। उन्होंने बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का संकेत दिया।

दरअसल भारत को चीन के साथ सीमाओं से जुड़े विवाद का बार-बार सामना करना पड़ा है। भारत ने इस साल जनवरी में चीन पर अपनी पुरानी स्थिति को दोहराते हुए कहा कि दोनों देश किसी तरह के समाधान के लिए कूटनीतिक और सैन्य पक्षों पर बातचीत जारी रखेंगे।
इस बीच, पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में बताते हुए मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया।

"पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमापार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान ढूंढना चाहेंगे," जयशंकर ने कहा।

गौरतलब है कि भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
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