रक्षामंत्री ने कहा कि 21000 करोड़ के निर्यात के लक्ष्य को पूरा करके अब अगले पांच साल में रक्षा निर्यात को 50000 करोड़ रुपए तक पहुंचाना है। इसी साल अप्रैल में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत का रक्षा निर्यात वित्तीय वर्ष 2023-24 में पिछले साल की तुलना में 32.5 प्रतिशत बढ़कर 21083 करोड़ रुपए का हो गया है।
राजनाथ सिंह ने अपने पिछले कार्यकाल में खासतौर पर रक्षा उत्पादों को स्वदेशी कंपनियों से खरीदने के लिए खास प्रयास किए थे। रक्षा मंत्रालय ने 2020 से उन रक्षा उत्पादों की सूची जारी करनी शुरू की थी जिन्हें अब केवल स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदा जाएगा।
15 जनवरी, 2021 को सेना दिवस की परेड में पहली बार ड्रोन वारफेयर का प्रदर्शन करने के बाद रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी कंपनियों को साथ लेकर ड्रोन विकसित करने का बड़ा कार्यक्रम शुरू किया। 2022 में फिलीपींस ने भारत और रूस के साझा उत्पादन ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदा जो भारतीय रक्षा उत्पादों का पहला बड़ा निर्यात था।
पिछले दशक में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी तेज़ हुई है। तीनों सेनाओं को लगातार आधुनिक हथियार और सिस्टम दिए जा रहे हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेनाओं को ताक़तवर बनाने की प्रक्रिया पहले की ही तरह जारी रहेगी।